Saturday, April 20, 2024
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राजीव गांधी की जयंती पर कांग्रेस ने खेला राम कार्ड, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का पलटवार

राम नाम जपते-जपते वोट बटोरने वाले सियासी दलों में राम पर अब भी होड़ मची हैं। भले ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तैयारियां जोरों पर है लेकिन होड़ अब सियासी दलों में भी है कि राम किसके हैं।

Anurag Amitabh Reported by: Anurag Amitabh @anuragamitabh
Published on: August 20, 2020 13:54 IST
Congress issues an advertisement and says, Rajiv Gandhi had imagined Ramrajya- India TV Hindi
Image Source : CONGRESS ADVERTISEMENT Congress issues an advertisement and says, Rajiv Gandhi had imagined Ramrajya

भोपाल: राम नाम जपते-जपते वोट बटोरने वाले सियासी दलों में राम पर अब भी होड़ मची हैं। भले ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तैयारियां जोरों पर है लेकिन होड़ अब सियासी दलों में भी है कि राम किसके हैं। राजीव गांधी की 76वी जयंती के मौके पर मध्य प्रदेश कांग्रेस का राम राज्य की परिकल्पना का ऐसा ही एक विज्ञापन अब बीजेपी को चुभ रहा है। खींचतान शुरू हो गईं है वो भी ऐसे वक्त पर जब मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर सत्ता के निर्णायक उप चुनाव हैं।

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राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने और राम मंदिर निर्माण की तैयारियों के बाद राम के नाम पर सियासी रोटियां सेकने की गुंजाइश खत्म होते दिखाई दे रही थी लेकिन सियासी परिदृश्य में राम मंदिर निर्माण का श्रेय लेने की होड़ अब भी जारी है। इस बार राम नाम के सहारे मध्य प्रदेश में फिर से सत्ता की सीढ़ियां चढ़ने की कोशिश कांग्रेस राजीव गांधी की जयंती के मौके पर प्रदेश भर के अखबारों में जारी एक विज्ञापन के जरिये करते दिखाई दी।

कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष द्वारा छपवाए विज्ञापन में बताया है कि 1985 में राजीव गांधी की कोशिशों से दूरदर्शन पर रामायण का प्रसार शुरू हुआ। 1986 में राजीव गांधी ने राम जन्मभूमि के ताले खुलवाए थे और भक्तों को रामलला के दर्शन का अवसर दिया था। 1989 में राम मंदिर के शिलान्यास की अनुमति भी राजीव गंधी ने दी थी और चेन्नई में अपनी आखिरी प्रेस कांफ्रेंस में राजीव गांधी ने कहा था राम मन्दिर अयोध्या में बनेगा।

जाहिर है सत्ता के सिंहासन पर राम मंदिर मुद्दे के जरिये दो सीटों से 300 पार करने वाली बीजेपी को कांग्रेस का ये विज्ञापन रास नही आ रहा है। ग्रहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि राम तो सबके हैं। अगर आपको यह बताना पड़े तो फिर आपका हक कैसा। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने कभी भी राम को अपना बताने की मुहिम नहीं छेड़ी। 

दरसअल मध्य प्रदेश में 15 सालों के राजनीतिक वनवास के बाद आई सत्ता में आई कांग्रेस सरकार को महज़ 15 महीने में ही 22 बागी विधायकों ने सत्ता का सिंहासन खाली करा दिया था और अब 22 विधानसभा सीटों समेत 5 और सीटों यानि 27 सीटों पर उपचुनाव में कांग्रेस सत्ता वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों को ही राम नाम के सहारे की जरूरत है। यही वजह है कि कांग्रेस राम नाम जपने लगी है। कांग्रेस का मानना है कि रामराज्य की कल्पना महात्मा गांधी के बाद देश में राजीव गांधी ने ही कि थी।

वैसे ये पहली बार नहीं जब राम मंदिर भूमि पूजन के बाद कांग्रेस ने राम पर सियासी मालिकाना हक जताने की कोशिश की हो। राम मंदिर निर्माण के दिन ही कांग्रेस ने मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ढोल के साथ भारी जश्न और आतिशबाजी की थी। वही राम मंदिर भूमि पूजन के 1 दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी हनुमान चालीसा का पाठ कर जनता को जताने की कोशिश की थी कि राम हमारे हैं लेकिन रोम रोम में बसने वाले राम जनता के वोटों के जरिए किस पार्टी के वोट में तबदील होंगे यह राम ही जाने।

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