Saturday, May 11, 2024
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मृत शिक्षक भी करेंगे बारिश से हुई तबाही का सर्वे, देखें सरकारी तंत्र का अजब गजब नमूना

पूरे मामले को लेकर आम्बासोटी गांव के सरपंच ने प्रशासन की भूल पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि अगर अधिकारी ऐसी गलती कर रहे हैं तो सर्वे पर उनसे क्या उम्मीद की जाए। वह प्रभावित लोगों को न्याय भी दिलवा पाएंगे या नहीं।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: September 22, 2023 16:59 IST
धार जिले में सर्वे टीम...- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV धार जिले में सर्वे टीम की जारी एक लिस्ट में मृत शिक्षक तेरसिंह मोरी का नाम भी शामिल है

कई बार देखा सुना होगा कि मृतकों के नाम पर राशि निकाल ली गई, फर्जी तरीके से मनरेगा में नाम जुड़ गए लेकिन ये पहली बार हुआ है जब किसी मृत सरकारी कर्मचारी को सर्वे के लिए चुना गया हो। मध्य प्रदेश के धार जिले में सरकारी तंत्र की घोर लापरवाही का एक ऐसा मामला सामने आया है। जिस शिक्षक की 3 साल पहले मौत हो चुकी है, उनका नाम बारिश से हुई तबाही के सर्वे दल की लिस्ट में डाल दिया गया है। मामला सामने आते ही प्रशासन की कार्यशेली पर ही सवाल उठने लगे हैं। लोग कहते सुने जा रहे हैं कि ऐसे में प्रभावित लोगों की खेती को लेकर हो रहे सर्वे में कितनी ईमानदारी बरती जाएगी।

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल, मामला धार जिले के टांडा क्षेत्र के ग्राम आम्बासोटी का है। यहां रहने वाले प्राथमिक शिक्षक तेरसिंह मोरी का 5 जनवरी 2021 में बीमारी के चलते 50 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था जिसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी हो गया था। इसके बाद से उनका परिवार अपनी खेती और अन्य कामों में लग गया। वहीं, विगत दिनों धार जिले में हुई अत्यधिक बारिश से क्षेत्र सहित जिले भर में आम लोगों को किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा। इसके लिए प्रशासन द्वारा सर्वे के आदेश जारी किए गए। टांडा कुक्षी क्षेत्र में भी सर्वे कार्य को लेकर प्रशासन द्वारा तैयारी की गई और सर्वे को लेकर कई टीमें बनाई गई। सर्वे टीम की एक लिस्ट में मृत शिक्षक तेरसिंह मोरी का भी नाम जारी कर दिया गया।

मृत शिक्षक का नाम देख गांव के सरपंच भी हैरान
इस लिस्ट की जानकारी जब ग्राम आम्बासोटी के सरपंच अमर सिंह सोलंकी को लगी तो अपने गांव के मृत शिक्षक का नाम देखकर वे भी हैरान रह गए। उन्होंने इसकी सूचना तुरंत धार न्यूज़ चैनल को दी। इसके बाद कुक्षी एसडीएम रमेश चंद्र खतेड़िया से बात की तो उन्होंने बताया कि सर्वे की लिस्ट के लिए नाम क्षेत्रीय शिक्षा विभाग अधिकारी की ओर से दिए गए हैं। भूलवश पुरानी लिस्ट वहां से जारी हो गई होगी, इसमें सुधार करवा लिया जाएगा।

वहीं, इस पूरे मामले को लेकर आम्बासोटी गांव के सरपंच ने प्रशासन की भूल पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि अगर अधिकारी ऐसी गलती कर रहे हैं तो सर्वे पर उनसे क्या उम्मीद की जाए और प्रभावित लोगों को न्याय भी दिलवा पाएंगे या नहीं।

(रिपोर्ट- एकता शर्मा)

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