Wednesday, May 15, 2024
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बीजेपी ने दिया महाविकास आघाड़ी को बड़ा झटका, जीतीं 6 में से 4 सीटें

मतदान से एक दिन पहले कांग्रेस उम्मीदवार रवींद्र भोयर ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था, जिसके बाद पार्टी ने देशमुख का समर्थन किया था। हालांकि, बाद में भोयर ने चुनाव लड़ा और उन्हें केवल एक वोट मिला। 

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 14, 2021 14:59 IST
BJP jolts MVA in Maharashtra MLC polls by bagging 4 out of 6 seats- India TV Hindi
Image Source : PTI महाराष्ट्र विधान परिषद की छह सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी ने एमवीए को झटका देते हुए नागपुर सहित चार सीटों पर जीत दर्ज की।

Highlights

  • चुनाव आयोग ने 10 दिसंबर को महाराष्ट्र विधान परिषद की छह सीटों पर मतदान की घोषणा की थी।
  • बीएमसी की दो सीटों पर शिवसेना और बीजेपी ने एक-एक सीट पर निर्विरोध जीत हासिल की।
  • मतदान से एक दिन पहले कांग्रेस उम्मीदवार रवींद्र भोयर ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था।

मुंबई: महाराष्ट्र विधान परिषद की छह सीटों पर हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी (एमवीए) को झटका देते हुए नागपुर सहित चार सीटों पर जीत दर्ज की। पार्टी ने अकोला-बुलढाणा-वाशिम सीट शिवसेना से छीन ली। महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़णवीस ने बीजेपी की जीत पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि बीजेपी ने एमवीए के इस मिथक को तोड़ दिया है कि तीनों दल (शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस) राज्य में मिलकर सभी चुनाव जीत सकते हैं। चुनाव आयोग ने 10 दिसंबर को महाराष्ट्र विधान परिषद की छह सीटों पर मतदान की घोषणा की थी।

बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की दो सीटों पर हुए चुनाव में शिवसेना (सुनील शिंदे) और बीजेपी (राजहंस सिंह) ने एक-एक सीट पर निर्विरोध जीत हासिल की। कोल्हापुर और नंदुरबार-धुले विधान परिषद चुनावों में भी कांग्रेस और बीजेपी ने क्रमशः एक-एक सीट पर निर्विरोध जीत दर्ज की। नागपुर तथा अकोला-बुलढाणा-वाशिम सीटों पर 10 दिसंबर को मतदान हुआ था। जिला सूचना कार्यालय के अनुसार, नागपुर में पड़े 554 मतों में से बीजेपी उम्मीदवार और राज्य के पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को 362 मत मिले, जबकि एमवीए द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार मंगेश देशमुख को 186 वोट हासिल किये।

मतदान से एक दिन पहले कांग्रेस उम्मीदवार रवींद्र भोयर ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था, जिसके बाद पार्टी ने देशमुख का समर्थन किया था। हालांकि, बाद में भोयर ने चुनाव लड़ा और उन्हें केवल एक वोट मिला। अकोला-वाशिम-बुलढाणा में बीजेपी के वसंत खंडेलवाल ने शिवसेना के तीन बार के विधान पार्षद गोपीकिशन बाजोरिया को हाराया। खंडेलवाल को कुल 808 वोटों में से 443 जबकि बजोरिया को 334 वोट मिले।

बीजेपी नेता देवेंद्र फड़णवीस ने कहा, “एमवीए के दल दावा कर रहे थे तीनों दल मिलकर सभी चुनाव जीतेंगे। हमने इस मिथक को चकनाचूर कर दिया है और मुझे लगता है कि इस जीत ने हमारी भविष्य की जीत की नींव रखी है।'' खंडेलवाल ने अपनी जीत का श्रेय अपनी पार्टी की सफल रणनीति को दिया। बावनकुले ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि एमवीए के पास 240 वोट थे, लेकिन एमवीए समर्थित उम्मीदवार को केवल 186 वोट मिले।

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले पर बावनकुले ने निशाना साधते हुए उन पर निरंकुश तरीके से व्यवहार करने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आत्ममंथन करना चाहिए कि उनके वोट क्यों बंटे। उन्होंने कहा, ''दो दिन तक वे खरीद-फरोख्त में लिप्त रहे, फिर भी वे अपनी पार्टी को साथ नहीं रख सके। कांग्रेस नेताओं की यह सही मायने में हार है। कांग्रेस नेता निरंकुश तरीके से व्यवहार कर रहे हैं। नाना पटोले पार्टी की प्रदेश इकाई के काम के लिये उपयुक्त नहीं हैं और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।''

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