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नक्सल कनेक्शन के आरोपी जीएन साईबाबा को कोर्ट ने किया रिहा, महाराष्ट्र सरकार ने की ये मांग

नक्सलियों से संबंध मामले के आरोपी जीएन साईबाबा को रिहा कर दिया गया है। मुंबई हाईकोर्ट के नागपुर बेंच के अधीन इस मामले की सुनवाई चल रही थी। इसी कड़ी में मंगलवार को कोर्ट ने साईबाबा को निर्दोष करार दिया।

Reported By : Yogendra Tiwari Edited By : Avinash Rai Published : Mar 07, 2024 11:39 IST, Updated : Mar 07, 2024 11:39 IST
GN Saibaba accused of connection with Naxalites got release High Court gave this decision- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV जीएन साईबाबा को मिली रिहाई

नक्सलियों संग कनेक्शन के मामले में आरोपी जीएन साईबाबा को नागपुर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है। मंगलवार को मुंबई हाईकोर्ट के नागपुर बेंच के अधीन इस मामले की सुनवाई चली। इस दौरान सुनवाई में बेंच ने साईबाबा को निर्दोष करार दिया। बता दें कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जीएन साईबाब को गुरुवार सुबह नागपुर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है। उनपर नक्सलियों संग संबंध होने के आरोप थे। बता दें कि साईबाबा समेत 5 आरोपियों को नक्सल कनेक्शन के मामले में मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने मंगलवार को निर्दोष करार दिया था।

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कोर्ट ने साईबाबा को किया बरी

कोर्ट ने साईबाबा और अन्य को निर्दोष बरी करते हुए 50 हजार रुपये के श्योरिटी बॉन्ड जमा करने का आदेश दिया। सबी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद गुरुवार को साईबाबा को नागपुर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है। इस समय साईबाबा अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ हैं। नक्सली कनेक्शन मामेल में प्रोफेशर साईबाबा को गढ़चिरौली सेशन्स कोर्ट ने 7 मार्च 2017 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इस दौरान साईबाबा समेत पांच अन्य आरोपियों के भी सजा सुनाई गई थी। इन आरोपियों में महेश तिरकी, पांडू नरोटे, हेम मिश्रा और प्रशांत रही और विजय तिरकी शामिल हैं। 

महाराष्ट्र सरकार ने की ये मांग

कोर्ट ने इन्हें निर्दोष करार देते हुए कहा कि यूएपीए के तहत गिरफ्तारी कर मामला चलाने के लिए आवश्यकत अनुमति नहीं लिए थे। साईबाबा के घर से जब्त किए गए डिजिटल सबूत जब्त करने की कानूनी प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया। पुलिस द्वारा कोर्ट में रखे गए सबूत साबित नहीं हो पाए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट से इस फैसले पर 6 हफ्ते तक स्टे देने की मांग की। लेकिनक मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर बेंच ने महाराष्ट्र सरकार के स्टे की अपील को खारिज कर दिया। बता दें कि डीयू के प्रोफेसर समेत अन्य लोगों को नक्सलियों संग संबंध के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 

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