Monday, April 29, 2024
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धारावी प्रोजेक्ट पर छिड़ा बवाल, राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना, कहा- सेटलमेंट नहीं हो पाया क्या?

धारावी प्रोजेक्ट को लेकर मचे बवाल के बीच राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। राज ठाकरे ने सवाल पूछते हुए कहा क्या उनसे (अडाणी) सेटलमेंट नहीं हुआ, इसलिए मोर्चा निकाला गया? राज ठाकरे ने इसपर आगे कहा कि अदाणी के पास ऐसा क्या है कि एयरपोर्ट भी वही चला सकते हैं, कोयले के खाद्यान भी वही चला सकते हैं।

Reported By : Dinesh Mourya Edited By : Avinash Rai Published on: December 18, 2023 19:39 IST
Raj Thackeray targeted Uddhav Thackeray ON Dharavi project said Was settlement not possible WITH GAU- India TV Hindi
Image Source : PTI राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना

धारावी प्रोजेक्ट के मुद्दे पर राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। राज ठाकरे ने बयान जारी करते हुए उद्धव से पूछा है कि क्या उनसे (अडाणी) सेटलमेंट नहीं हुआ, इसलिए मोर्चा निकाला गया? राज ठाकरे ने इसपर आगे कहा कि अदाणी के पास ऐसा क्या है कि एयरपोर्ट भी वही चला सकते हैं, कोयले के खाद्यान भी वही चला सकते हैं। उन्होंने कहा कि इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए आपको टाटा ग्रुप से टेंडर मांगना चाहिए था, डिजाइन मांगना चाहिए था। वहां (धारावी) क्या होने वाला है, यह पता चलना चाहिए था। धारावी में हमारे पदाधिकारी हैं, उनसे मेरी बात हुई है।

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राज ठाकरे ने उद्धव पर साधा निशाना

राज ठाकरे ने आगे कहा कि अदाणी ग्रुप के एक व्यक्ति को मैंने कहा था कि आपका डिजाइन मुझे दिखाइए। मेरा सवाल सिर्फ इतना है कि महाविकास अघाड़ी आज क्यों नींद से जागी है। इस प्रोजेक्ट का ऐलान हुए तो करीब 8-10 महीने हो गए हैं। आज क्यों मोर्चा निकाला गया? क्योंकि सेटलमेंट नहीं हो रहा है, इसलिए यह मोर्चा निकाला गया है? उन्होंने कहा कि 8-10 महीने बाद महाविकास अघाड़ी जगी है। क्या इन्होंने पूछा है कि वहां (धारावी) क्या होने वाला है, क्या मोर्चा का दबाव डालकर सिर्फ सेटलमेंट करने वाला है। आप (मीडिया) उनसे पूछिए।

क्या है धारावी प्रोजेक्ट

बता दें कि धारावी करीब 2.8 स्क्वायर किलोमी में फैला एक स्लम एरिया है। बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स से नजजीक होने के चलते इस स्थान की कीमत काफी ज्यादा है। यहां कई छोटे-मोटे उद्योग हैं, जिनमें एक लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। प्रोजेक्ट के अंतर्गत यहां हाई राइज बिल्डिंग और कई तरह के विकास किए जाने हैं। साल 2004 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के तहत 68 हजार लोगों को कहीं और बसाने का प्लान है। इसके लिए उन्हें बने हुए मकान देने का वादा किया गया है। साल 2011 में सरकार ने यहां के टेंडर के निरस्त कर दिया। बाद में फिर टेंडर निकाला गया। यह प्रोजेक्ट अडानी ग्रुप की कंपनी को दिया गया है जिसका अब विरोध होने लगा है।

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