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PM Kisan: 2000 रुपये की 9वीं किस्‍त मिलने के अगले दिन आई बुरी खबर, 42 लाख किसानों से वसूली की प्रक्रिया हुई शुरू

अपात्र लाभार्थियों के खातों में अंतरित धनराशि की वसूली की जिम्मेदारी संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार की है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : August 10, 2021 14:24 IST
42 lakh ineligible PM KISAN beneficiary farmers yet to recover Rs 3000 crore - India TV Paisa
Photo:PIB

42 lakh ineligible PM KISAN beneficiary farmers yet to recover Rs 3000 crore

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि (PM Kisan) योजना की 9वीं किस्‍त के रूप में 9.75 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 19,500 करोड़ रुपये जमा करने के अगले दिन यानि मंगलवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में कहा कि पीएम किसान योजना के 42 लाख अपात्र किसानों से 3000 करोड़ रुपये की वसूली के लिए राज्‍य व केंद्र शासित प्रदेशों ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।  

पीएम किसान योजना के तहत पात्र लाभार्थी किसान परिवारों को 6000 रुपये प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ दिया जाता है और इस वित्तीय लाभ को 2000 रुपये की तीन किस्तों में प्रत्येक चार माह में प्रदान किया जाता है। धनराशि को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 1. 57 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सम्मान राशि किसान परिवारों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक प्रश्‍न के उत्‍तर में कहा कि पीएम किसान योजना के लिए लाभार्थियों का चयन/पहचान राज्‍य व केंद्र शासित प्रदेश सरकार की जिम्‍मेदारी है और जब सं‍बंधित लाभार्थियों का सही/सत्‍यापित डेटा राज्‍य/संघ राज्‍य क्षेत्र सरकार द्वारा पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड किया जाता है तब वित्‍तीय लाभ सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में अंतरित कर दिया जाता है। इसलिए अपात्र लाभार्थियों के खातों में अंतरित धनराशि की वसूली की जिम्‍मेदारी संबंधित राज्‍य/संघ राज्‍य क्षेत्र सरकार की है।

उन्‍होंने आगे कहा कि चूंकि पीएम किसान योजना की संरचना में आधार/पीएफएमएस/आयकर डेटाबेस सहित विभिन्‍न प्राधिकरणों द्वारा लाभार्थियों के डेटा के निरंतर सत्‍यापन के आधार पर त्रुटियों को बाहर करने के लिए तंत्र शामिल है। कृषि मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि कुछ आयकर दाताओं सहित अपात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ प्राप्‍त हुआ है। ऐसे अपात्र लाभार्थियों की पहचान के बाद, संबंधित राज्‍य/ संघ राज्‍य क्षेत्र सरकार ने अपात्र लाभार्थियों से धन की वसूली के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार धन की वसूली की प्रक्रिया शुरू की है। इसके अलावा सरकार द्वारा वास्‍तविक किसानों को योजना का सही लाभ पहुंचाया जा सके यह सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए गए हैं।  

एक अन्‍य प्रश्‍न के उत्‍तर में नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि उत्‍पादकता बढ़ाने और किसानों के कल्‍याण की रक्षा करने के उद्देश्‍य से कृषि के लिए एक अलग वार्षिक बजट पेश करने का कोई प्रस्‍ताव अभी तक नहीं है। उन्‍होंने काह कि भूजल पर निर्भर किसानों के हितों की रक्षा करने और भविष्‍य के लिए पानी बचाने के लिए भूजल के उपयोग को विनियमित करने के संबंध में जल शक्ति मंत्रालय ने सभी राज्‍यों को उपयुक्‍त भूजल कानून बनाने में सक्षम बनाने हेतु इसके विकास के नियमन के लिए एक मॉडल विधेयक परिचालित किया है, जिसमें वर्षा जल संचयन का प्रावधान भी शामिल है। अब तक 19 प्रदेशों ने भूजल कानून को अपनाया और लागू किया है।

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