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बिहार के पास सबसे बड़े स्वर्ण अयस्क भंडार, जानिये देश में कहां कितना दबा है सोना

देश में स्वर्ण अयस्क (प्राथमिक) का कुल भंडार 50.183 करोड़ टन अनुमानित किया गया है; इनमें से 1.722 करोड़ टन को रिजर्व कैटेगरी में है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: July 27, 2021 13:58 IST
भारत में बिहार के पास...- India TV Paisa
Photo:PTI

भारत में बिहार के पास सबसे बड़े सोने के भंडार

नई दिल्ली। भारतीयों का सोने से लगाव दुनिया भर को पता है। सदियों से भारतीय लगातार निवेश से लेकर परंपरा तक के नाम पर सोने की जमकर खरीदारी करते हैं। खरीदे गये सोने में से अधिकांश हिस्सा विदेशों से मंगाया जाता है। हालांकि भारत में भी बड़ी मात्रा में सोने के भंडार मौजूद है, स्वर्ण अयस्क के बारे में जानकारी खान, कोयला और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

कितना बड़ा है भारत के स्वर्ण अयस्क का भंडार 

नेशनल मिनरल इन्वेंटरी के आंकड़ों के अनुसार, देश में स्वर्ण अयस्क (प्राथमिक) का कुल भंडार 50.183 करोड़ टन अनुमानित किया गया है; इनमें से 1.722 करोड़ टन को रिजर्व कैटेगरी में रखा गया था और शेष 48.4 करोड़ टन को शेष रिसोर्स कैटेगरी में रखा गया था। 

कहां है सोने के सबसे बड़े भंडार

आंकड़ों के मुताबिक देश में स्वर्ण अयस्क का सबसे बड़ा हिस्सा बिहार के पास है। स्वर्ण अयस्क की रिसोर्स कैटेगरी का करीब 44 प्रतिशत हिस्सा यानि करीब 22.28 करोड़ टन भंडार बिहार में है। इसके बाद राजस्थान (25%), कर्नाटक (21%), पश्चिम बंगाल (3%), आंध्र प्रदेश (3%), झारखंड (2%) हैं।अयस्क के शेष 2% रिसोर्स छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में स्थित हैं। 

लागत और जमीनी स्थितियों से तय होती है माइनिंग
बिहार में ऊंचे भंडार के बावजूद कम माइनिंग के पीछे ऊंची लागत से लेकर भंडार की भौगोलिक स्थिति और नक्सल समस्या अहम रही हैं, दरअसल कई बड़े भंडार ऐसी जगह पर स्थिति है जहां कानून व्यवस्था के चलते खोज का काम काफी मुश्किल है। वहीं खदानों से सोना निकालने का फैसला इस बात पर निर्भर करता है कि इसमें लागत कितनी है। सोने सहित किसी भी खनिज के खदान से निकालने और उसे शुद्ध रूप में पाने लागत अलग-अलग होती है। लागत अधिक होने पर आपूर्ति के लिये आयात जैसे दूसरे रूट्स का इस्तेमाल किया जाता है, हालांकि इस दौरान लागत कम करने की कोशिश भी जारी रहती है जिससे आयात पर निर्भरता घटाई जा सके।  हाल ही में, भारत सरकार ने सोने सहित  अन्य खनिजों के लिए एमईएमसी नियमों में संशोधन किया है। इससे खनिजों की खोज  और खनन के क्षेत्र में उन्नत तकनीक के साथ निजी खिलाड़ियों की अधिक भागीदारी होने की उम्मीद है जिससे सोने को निकालने में लगने वाली लागत कम होने की उम्मीद है।

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