दुनिया के सबसे बड़े कोरोना वैक्सिनेशन प्रोग्राम को जल्द नई ताकत मिलने वाली है। केंद्र सरकार ने गुजरात के अंकलेश्वर में भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के उत्पादन के लिए एक वैक्सीन निर्माण इकाई को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को संसद में यह जानकारी दी। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक भारत में स्वदेशी रूप से वैक्सीन विकसित करने और बड़े पैमाने पर इसका निर्माण करने वाली एकमात्र कंपनी है।
सरकार ने कहा है कि कोविशील्ड की मासिक वैक्सीन उत्पादन क्षमता 11 करोड़ खुराक से बढ़ाकर 12 करोड़ खुराक प्रति माह और कोवैक्सिन की 2.5 करोड़ खुराक से बढ़ाकर लगभग 5.8 करोड़ करने की योजना है। 16 जनवरी से 5 अगस्त तक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा कोविशील्ड की 44.42 करोड़ खुराक और भारत बायोटेक द्वारा कोवैक्सिन की 6.82 करोड़ खुराक राष्ट्रीय COVID-19 टीकाकरण कार्यक्रम के लिए आपूर्ति की गई थी।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने 'मिशन COVID सुरक्षा- भारतीय COVID-19 वैक्सीन विकास मिशन' शुरू किया है। मिशन को जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी), जैव प्रौद्योगिकी विभाग के एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। भारत बायोटेक के अनुसार, Covaxin ने COVID-19 के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावशीलता और B.1.617.2 डेल्टा संस्करण के खिलाफ 65.2 प्रतिशत सुरक्षा का प्रदर्शन किया।
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