Wednesday, April 24, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Covid-19 के मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्‍या से अर्थव्‍यवस्‍था के लिए बढ़ा जोखिम, देश में गहरी मंदी आने का अंदेशा

Covid-19 के मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्‍या से अर्थव्‍यवस्‍था के लिए बढ़ा जोखिम, देश में गहरी मंदी आने का अंदेशा

आईएचएस मार्किट ने कहा कि वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही अप्रैल-जून में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर में तीव्र गिरावट का अनुमान है, जिससे वित्त वर्ष 2020-21 में देश की आर्थिक वृद्धि दर गहरी मंदी का शिकार हो सकती है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: June 12, 2020 13:04 IST
Escalating new COVID-19 cases pose further downside risk to economy, says IHS Markit- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

Escalating new COVID-19 cases pose further downside risk to economy, says IHS Markit

नई दिल्‍ली। देश में लंबे समय से जारी लॉकडाउन के चलते चालू वित्त वर्ष में जहां भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी आने की आशंका है वहीं लॉकडाउन में ढील के बाद कोविड-19 के मरीजों की बढ़ती संख्या से देश का आर्थिक परिदृश्य और गिरावट के जोखिम को दिखा रहा है। आईएचएस मार्किट ने शुक्रवार को कहा कि इस लंबे लॉकडाउन का असर देश के औद्योगिक उत्पादन और उपभोक्ता व्यय दोनों पर गहरा है।

आईएचएस मार्किट ने कहा कि वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही अप्रैल-जून में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर में तीव्र गिरावट का अनुमान है, जिससे वित्त वर्ष 2020-21 में देश की आर्थिक वृद्धि दर गहरी मंदी का शिकार हो सकती है। कंपनी ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र पर कोविड-19 के प्रभाव को लेकर अपने आकलन में यह बात कही। भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन जारी है जो 30 जून तक रहेगा। हालांकि चार मई के बाद से लॉकडाउन के नियमों में सर्शत ढील दी गई है।

आईएचएच मार्किट ने कहा कि अन्य देशों की तुलना में लॉकडाउन नियमों में राहत देने के बाद कोविड-19 के मामलों में कमी देखी गई। लेकिन भारत में स्थिति इसके उलट है। ऐसे में लॉकडाउन नियमों का भविष्य बहुत ज्यादा अनिश्चित है और अर्थव्यवस्था के और नीचे जाने का जोखिम बढ़ा है। सर्वेक्षण कंपनी ने कहा कि भारत में कोरोना मामले बढ़ने की वजह शहरों में जनसंख्या घनत्व अधिक होना, देश की ज्यादा आबादी और कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली होना है।

आईएचएस मार्किट का कंपनियों के खरीद प्रबंधकों के बीच किया जाने वाला अप्रैल का सर्वेक्षण पीएमआई लॉकडाउन के पूरे असर को दर्शाता है, जिसमें कारोबारी गतिविधियां लगभग ढह जाने के संकेत मिलते हैं। कंपनी का एकीकृत उत्पादन सूचकांक अप्रैल में 7.2 अंक रहा जो सर्वेक्षण शुरू होने के साढ़े चौदह साल के इतिहास में सबसे निचला स्तर है। सर्वेक्षण दिखाता है कि कोविड-19 ने देश के विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है। इससे कुल कारोबारी गतिविधियों में तीव्र गिरावट रही है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement