नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इस साल गेहूं की रिकॉर्ड 3.5 करोड़ टन से अधिक की खरीद की है। अब सरकार उत्तर और मध्य भारत में मानसून आने से पहले अनाज के उचित भंडारण के लिए अतिरिक्त भंडारण सुविधा किराये पर लेने की योजना बना रही है। गेहूं और चावल की खरीद तथा वितरण के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) सरकार की नोडल एजेंसी है।
एफसीआई ने राज्य की एजेंसियों के साथ मिलकर अच्छी पैदावार के साथ विपणन वर्ष 2018-19 (अप्रैल-मार्च) में रिकॉर्ड 3.52 करोड़ टन गेहूं की खरीद की है। इन एजेंसियों की संयुक्त रूप से भंडारण क्षमता 8 करोड़ टन है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि काफी भंडार है। हम गेहूं का भंडारण के लिए व्यवस्था करेंगे। हम विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। हम भंडारण सुविधा किराये पर लेने के बारे में सोच रहे हैं। रिकॉर्ड खरीद के कारण पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में गेहूं की कुछ मात्रा खुले में ढककर रखी गई है। बारिश शुरू होने से पहले इसे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की जरूरत है।
एफसीआई के आंकड़ों के अनुसार गेहूं की कुल खरीद इस साल के लिए निर्धारित 3.2 करोड़ टन के लक्ष्य को पार कर गई है। पंजाब में गेहूं की खरीद आलोच्य विपणन वर्ष में बढ़कर 1.27 करोड़ टन पहुंच गई, जो पिछले साल 1.17 करोड़ टन थी। वहीं हरियाणा में खरीद 87 लाख टन रही, जो पिछले साल 74.3 लाख टन थी।
मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद बढ़कर 72.8 लाख टन पर पहुंच गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 67.2 लाख टन थी। पंजाब और हरियाणा में गेहूं खरीद की प्रक्रिया पूरी हो गई है, जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में जारी है। तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) में गेहूं का उत्पादन 9.86 करोड़ टन रहने का अनुमान है।