नई दिल्ली। भारत ने पिछले हफ्ते सऊदी अरब, साउथ अफ्रीका, ब्राजील और मोरक्को सहित कई देशों कोरोना वायरस वैक्सीन (coronavirus vaccines) की कमर्शियल सप्लाई शुरू कर दी है। अभी तक भारत ने अनुदान सहायता के तहत भूटान, मालदीव, नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार, मॉरीशस और सेशेल्स को कोरोना वैक्सीन के टीके उपलब्ध कराएं हैं। विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि अभी तक पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से कोरोनावायर वैक्सीन के लिए कोई अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अभी तक जी2जी (सरकार-से-सरकार) या कमर्शियल आधार पर इंडिया-मेड वैक्सीन के लिए पाकिस्तान से कोई अनुरोध नहीं आया है। उनसे जब पूछा गया कि यदि पाकिस्तान वैक्सीन के लिए अनुरोध करता है तब क्या भारत इसकी आपूर्ति करेगा? श्रीवास्तव ने इस सवाल का उत्तर देने से इनकार करते हुए कहा कि यह अभी इस स्तर पर बहुत ही काल्पनिक है।
भारत ने पिछले शुक्रवार से कोरोना वायरस वैक्सीन का कमर्शियल निर्यात शुरू कर दिया है और उसने ब्राजील और मोरक्को दोनों को 20-20 लाख डोज भेजे हैं। इससे पहले बुधवार को भारत सरकार ने अनुदान सहायता के तौर पर पड़ोसी देशों को वैक्सीन डोज भेजे थे। पहले दिन भूटान को 1.5 लाख और मालदीव को 1 लाख डोज भेजे गए। इसके एक दिन बाद नेपाल को 10 लाख और बांग्लादेश को 20 लाख डोज भेजे गए। शु्क्रवार को 15 लाख डोज म्यांमार, एक लाख डोज मॉरीशस और 50 हजार डोज सेशेल्स को भेजे गए।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि श्रीलंका और अफगानिस्तान को अनुदान सहायता के तहत कोरोना वैक्सीन की खेप इन दोनों देशों से नियामीय मंजूरी मिलने के बाद भेजी जाएगी। सऊदी अरब, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, मोरक्को, बांग्लादेश और म्यांमार को कॉन्ट्रैक्चुअल सप्लाई भी शुरू कर दी गई है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि कई देशों ने भारत से वैक्सीन प्राप्त करने में अपनी रुचि दिखाई है और यह वैक्सीन उत्पादन का एक वैश्विक केंद्र बन चुका है।
श्रीवास्तव ने कहा कि घरेलू आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भारत आगे आने वाले हफ्तों व महीनों में भागीदार देशों को कोविड-19 वैक्सीन की आपूर्ति जारी रखेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विदेशी आपूर्ति करते हुए घरेलू वैक्सीन विनिर्माताओं के पास घरेलू जरूरत के लिए पर्याप्त स्टॉक हमेशा मौजूद रहे।
भारत दुनिया के बड़े दवानिर्माताओं में से एक है और लगातार कई देश कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए संपर्क कर रहे हैं। भारत ने कोवीशील्ड और कोवैक्सीन के साथ देश में दुनिया के सबसे बड़ी टीकाकरण अभियान की शुरुआत की है। पहले चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जा रहा है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा पुणे में बनाया जा रहा है, जबकि कोवैक्सीन को भारत बायोटेक द्वारा बनाया जा रहा है।
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