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पेट्रोल, डीजल पर एक्‍साइज ड्यूटी घटाने पर मोदी सरकार को मिली चेतावनी, मूडीज ने कहा बढ़ सकता है राजकोषीय घाटा

पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कटौती भारत की साख की दृष्टि से नकारात्मक है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: October 09, 2018 17:37 IST
petrol pump- India TV Paisa
Photo:PETROL PUMP

petrol pump

नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कटौती भारत की साख की दृष्टि से नकारात्मक है। मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेस ने मंगलवार को कहा कि इससे न केवल सरकार का राजस्व घटेगा बल्कि मार्च, 2019 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा भी बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.4 प्रतिशत पर पहुंच सकता है। 

मूडीज ने कहा कि इससे सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) की आय पर भी नकारात्मक असर होगा क्योंकि उन्हें मूल्य कटौती में एक रुपए प्रति लीटर का बोझ उठाना है। सरकार ने शुक्रवार को पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में डेढ़ रुपए प्रति लीटर की कटौती की है। इससे चालू वित्त वर्ष में सरकार को 10,500 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा। 

मूडीज ने बयान में कहा है कि कुल मिलाकर उत्पाद शुल्क कटौती साख की दृष्टि से नकारात्मक है। इसके अलावा इससे सरकार का राजस्व संग्रहण घटेगा और देश का राजकोषीय घाटा बढ़ेगा। अमेरिका की रेटिंग एजेंसी ने कहा कि सरकार ने पहले ही अगस्त, 2018 तक 94.7 प्रतिशत का बजटीय सालाना राजकोषीय घाटा छू लिया है। ऐसे में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पाने के लिए सरकार को अपने पूंजी व्यय में कटौती करनी होगी।

मूडीज का अनुमान है कि सरकार का राजकोषीय घाटा फिसलकर जीडीपी के 3.4 प्रतिशत पर जा सकता है। वहीं केंद्र और राज्य का संयुक्त राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 6.3 प्रतिशत पर रहेगा। मूडीज ने कहा कि वित्त वर्ष 2013-14 से सरकार का पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क से राजस्व दोगुना से अधिक हो गया है। राज्य सरकारें ईंधन मूल्य पर प्रतिशत के हिसाब से मूल्य वर्धित कर (वैट) वसूलती है। ऐसे में ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी से उन्हें फायदा हो रहा है। 

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