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Snapdeal फंड जुटाने के लिए खोज रही है नए निवेशक, कंपनी के बिकने की अटकलें हुईं और तेज

Snapdeal अपनी वित्‍तीय हालत में सुधार के लिए नया निवेशक खोज रही है। चीनी फंड्स हाउस और अलीबाबा ग्रुप के साथ बातचीत विफल होने पर कंपनी ने यह कदम उठाया है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: March 23, 2017 20:53 IST
Snapdeal फंड जुटाने के लिए खोज रही है नए निवेशक, कंपनी के बिकने की अटकलें हुईं और तेज- India TV Paisa
Snapdeal फंड जुटाने के लिए खोज रही है नए निवेशक, कंपनी के बिकने की अटकलें हुईं और तेज

हांगकांग/मुंबई। ऑनलाइन रिटेलर Snapdeal अपनी वित्‍तीय हालत में सुधार के लिए नया निवेशक खोज रही है। चीनी फंड्स हाउस और अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग्‍स लिमिटेड के साथ बातचीत विफल होने के बाद कंपनी ने यह कदम उठाया है। प्रतिस्‍पर्धी बने रहने के लिए स्‍नैपडील कड़ी लड़ाई लड़ रही है।

सूत्रों के मुताबिक कैश रिजर्व में कमी आने और जापान के सॉफ्टबैंक तथा अमेरिका के हेज फंड्स जैसे मौजूदा निवेशकों की ओर से रुचि न दिखाए जाने से स्‍नैपडील अब हिस्‍सेदारी बिक्री विकल्‍प पर ज्‍यादा ध्‍यान दे रही है। स्‍नैपडील की योजना से सीधे जुड़े एक सूत्र ने बताया कि स्‍नैपडील पिछले कुछ महीनों से चीन से पैसा जुटाने की उग्र कोशिश में लगी हुई है। इसके लिए कंपनी ने कुछ चीनी फंड्स हाउस के साथ कई चरणों में बातचीत की है और स्‍नैपडील को यह भी उम्‍मीद है कि अलीबाबा से उसे कुछ ताजा निवेश हासिल हो सकता है।

लेकिन यह बातचीत अभी तक किसी परिणाम पर नहीं पहुंची है और अलीबाबा ने भी यह स्‍पष्‍ट कर दिया है कि भविष्‍य में स्‍नैपडील के जल्‍द ही मुनाफे में आने की कोई उम्‍मीद नहीं है इसलिए वह कोई नया निवेश करने नहीं जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक चीन में असफल बातचीत और घटती वैल्‍यूएशन से घाटे में जा रही स्‍नैपडील परेशान है और उस पर हिस्‍सेदारी बिक्री का दबाव बढ़ रहा है।

स्‍नैपडील की शुरुआत 2010 में हुई थी और पिछले साल के निवेश के साथ इसकी वैल्‍यूएशन 6.5 अरब डॉलर थी। लेकिन उसके बाद से लगातार इसकी वैल्‍यूएशन कम होती चली जा रही है। एक अन्‍य सूत्र ने कहा कि ई-कॉमर्स इंडस्‍ट्री में अब कंसोलिडेशन का दौर आ गया है और इसका पहला शिकार स्‍नैपडील हो सकती है। स्‍नैपडील को फ्लिपकार्ट और अमेजन से तगड़ी प्रतिस्‍पर्धा मिल रही है।

अपनी लागत घटाने के लिए स्‍नैपडील 600 कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी है और इसके संस्‍थापक बिना सैलरी के काम कर रहे हैं। हालांकि स्‍नैपडील ने बिक्री की अटकलों को खारिज किया है। वित्‍त वर्ष 2015-16 में स्‍नैपडील को 2,960 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है।

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