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डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत से फिर कहा- 'अगले 24 घंटों में टैरिफ काफी हद तक बढ़ा देंगे'

डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत को फिर दिया अल्टीमेटम, कहा- 'अगले 24 घंटों में टैरिफ़ 'काफी हद तक बढ़ा देंगे'

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Aug 05, 2025 06:59 pm IST, Updated : Aug 05, 2025 07:30 pm IST
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प।- India TV Paisa
Photo:AP प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को भारत को फिर से धमकाने के अंदाज में कहा कि वह अगले 24 घंटों में भारत पर अमेरिकी टैरिफ़ 'काफ़ी हद तक' बढ़ा देंगे क्योंकि वे रूसी तेल ख़रीद रहे हैं। वे रूस की युद्ध मशीन को ईंधन दे रहे हैं, और अगर वे ऐसा करते हैं, तो मैं खुश नहीं रहूंगा। एक टीवी चैनल से इंटरव्यू में ट्रम्प ने यह बात कही। इसमें ट्रम्प ने कहा कि भारत एक अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं रहा है, क्योंकि वे हमारे साथ काफी व्यापार करते हैं, लेकिन हम उनके साथ व्यापार नहीं करते।

व्यापार समझौता में मुख्य अड़चन भारत के ऊंचे टैरिफ

एक टीवी चैनल से इंटरव्यू में ट्रम्प ने ट्रेड डील पर सवाल और भारत पर दोहरे मापदंड का आरोप लगाया। जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत के साथ कोई व्यापार समझौता होने वाला था, तो ट्रम्प ने कहा कि मुख्य अड़चन भारत के ऊंचे टैरिफ हैं। अब मैं ये जरूर कहूंगा कि भारत ने हमें 'शून्य टैरिफ' देने की बात कही है, लेकिन अब वह भी पर्याप्त नहीं है, क्योंकि वे जो तेल के साथ कर रहे हैं, वह मंज़ूर नहीं। एक दिन पहले ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल की भारी मात्रा में खरीद और उससे मुनाफा कमाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वह भारत पर अमेरिकी टैरिफ को काफी हद तक बढ़ाएंगे।

भारत का तीखा जवाब

ट्रम्प की टिप्पणियों के कुछ ही घंटों बाद, भारत सरकार ने अमेरिका और यूरोपीय संघ की आलोचना को अनुचित और अव्यावहारिक बताया और रूसी तेल की खरीद पर निशाना साधे जाने को दोहरे मापदंड करार दिया। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत को इस मुद्दे पर निशाना बनाना पूरी तरह से अनुचित और दोहरे मापदंड वाला है। अमेरिका और यूरोपीय संघ खुद रूस के साथ व्यापार जारी रखे हुए हैं- ऊर्जा के साथ-साथ उर्वरक, खनिज, रसायन, लोहे और स्टील, मशीनरी और अन्य उपकरणों का व्यापार भी जारी है।

विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि जहां तक अमेरिका की बात है, वह अब भी रूस से अपनी परमाणु ऊर्जा के लिए यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर के लिए पैलेडियम, साथ ही उर्वरक और रसायन आयात कर रहा है। मंत्रालय ने स्पष्ट कहा कि भारत, एक बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, अपने राष्ट्रीय हित और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएगा।

व्हाइट हाउस का बयान और भारत की प्रतिक्रिया

व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर ने एक टीवी चैनल से कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने स्पष्ट कहा है कि भारत का रूस से तेल खरीदते रहना स्वीकार्य नहीं है। इससे यूक्रेन युद्ध को वित्तीय सहायता मिल रही है। हाल ही में ट्रम्प ने भारत-रूस संबंधों पर टिप्पणी करते हुए कहा था- ये दोनों देश अपने मृतप्राय अर्थतंत्रों (डेड इकोनॉमी) को साथ लेकर डूब सकते हैं। इस पर भारत ने जवाब दिया- भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है। ट्रम्प ने पहले कहा था कि भारत रूस से सैन्य उपकरणों और तेल का सबसे बड़ा खरीदार है, और अमेरिका के साथ व्यापार में गंभीर असंतुलन है।

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