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विदेशी एयरलाइंस से ₹10,000 करोड़ की जीएसटी डिमांड पर रार, IATA ने कहा- भारत को उठाना पड़ सकता है खामियाजा

अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) का कहना है कि भारत के बाहर फ्लाइट का ऑपरेशन करने वाली भारतीय एयरलाइंस को भी ऐसी स्थिति या मांग का सामना नहीं करना पड़ता है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Aug 06, 2024 20:52 IST, Updated : Aug 06, 2024 20:52 IST
डीजीजीआई की जांच के दायरे में 10 विदेशी एयरलाइन हैं और उन्हें अक्टूबर, 2023 से टैक्स नोटिस भेजे गए ह- India TV Paisa
Photo:FILE डीजीजीआई की जांच के दायरे में 10 विदेशी एयरलाइन हैं और उन्हें अक्टूबर, 2023 से टैक्स नोटिस भेजे गए हैं।

भारत सरकार की तरफ से 10 विदेशी एयरलाइन कंपनियों से 10,000 करोड़ रुपये का जीएसटी डिमांड का मामला सुर्खियों में है। वैश्विक एयरलाइंस संगठन अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) ने इस मामले को सुलझाने का सरकार से आग्रह किया है। आईएटीए ने कहा कि अगर जीएसटी के इस मामले को नहीं सुलझाया गया तो इससे भारत की मजबूत विमानन क्षमता कमजोर होगी और जोखिम भी बढ़ सकता है। भाषा की खबर के मुताबिक, भारत में परिचालन करने वाली 10 विदेशी एयरलाइंस को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग से 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की मांग के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

कारण बताओ नोटिस जारी करना निराशाजनक

खबर के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) भारत समेत दुनियाभर की 330 से अधिक एयरलाइंस का प्रतिनिधित्व करता है। इसके सदस्यों की वैश्विक हवाई यातायात में 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है। आईएटीए ने सरकार से इस मामले को सुलझाने का आग्रह करते हुए कहा कि विमानन उद्योग के कई प्रतिवेदनों के बावजूद भारत में परिचालन कर रहीं कुछ विदेशी एयरलाइंस को जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) का कारण बताओ नोटिस जारी करना निराशाजनक है।

दुनियाभर में कहीं भी ऐसा नहीं किया जाता

आईएटीए के उत्तर एशिया एवं एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अंतरिम क्षेत्रीय उपाध्यक्ष झी जिंगक्वान ने बयान में कहा कि डीजीजीआई का यह दावा दोषपूर्ण है कि हवाई परिवहन सेवाएं देते समय विदेशी एयरलाइंस (भारत में शाखा कार्यालय वाली) के मुख्यालय की तरफ से किए गए खर्चों पर जीएसटी लागू होना चाहिए। यह अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन के प्रावधान में शामिल प्रकृति और समझौतों को भी ध्यान में नहीं रखता है। जिंगक्वान ने कहा कि भारत का इस तरह का नजरिया अलग है और दुनियाभर में कहीं भी ऐसा नहीं किया जाता है।

अक्टूबर, 2023 से टैक्स नोटिस भेजे गए

जिंगक्वान ने कहा कि भारत के बाहर फ्लाइट का ऑपरेशन करने वाली भारतीय एयरलाइंस को भी ऐसी स्थिति या मांग का सामना नहीं करना पड़ता है। डीजीजीआई की जांच के दायरे में 10 विदेशी एयरलाइन हैं और उन्हें अक्टूबर, 2023 से टैक्स नोटिस भेजे गए हैं। आईएटीए ने इस मामले पर भारत सरकार को एक विस्तृत प्रतिवेदन सौंपा था। जिंगक्वान ने कहा कि हवाई परिवहन की अंतरराष्ट्रीय प्रकृति के लिए वैश्विक स्तर पर एक स्पष्ट और सुसंगत नीति प्रारूप की जरूरत है।

मदद करने का भी आग्रह

अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ ने इस बारे में भारत सरकार के साथ मिलकर काम करना जारी रखा है। संगठन ने सरकार से इस मामले को तत्काल हल करने में मदद करने का भी आग्रह किया है, जो भारत की मजबूत विमानन क्षमता को कमजोर और जोखिम में डाल सकता है। आईएटीए की भारत इकाई के निदेशक अमिताभ खोसला ने जून में कहा था कि अब तक 10 विदेशी एयरलाइन को जांच के लिए चुना गया है जो कि अभूतपूर्व है।

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