Friday, April 19, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. अब NBFC से कर्ज लेना होगा सस्ता, RBI ने अधिक ब्याज और शुल्क पर लगाई रोक

अब NBFC से कर्ज लेना होगा सस्ता, RBI ने अधिक ब्याज और शुल्क पर लगाई रोक

रिजर्व बैंक ने सूक्ष्म-वित्त ऋणों के संबंध में अपने नए दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि सभी नियमित इकाइयों को निदेशक-मंडल की अनुमति वाली एक नीति लागू करनी चाहिए।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: March 14, 2022 19:29 IST
Indian Rupee- India TV Paisa
Photo:FILE

Indian Rupee

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि सूक्ष्म-वित्त ऋणदाता संस्थान ग्राहकों से ऊंचा ब्याज नहीं वसूल सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें कर्जों से जुड़े शुल्कों की एक सीमा भी तय करने को कहा गया है। एक सूक्ष्म-वित्त ऋण का आशय तीन लाख रुपये तक की सालाना आय वाले परिवार को दिए जाने वाले गारंटी-मुक्त कर्ज से है। 

रिजर्व बैंक ने सूक्ष्म-वित्त ऋणों के संबंध में अपने नए दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि सभी नियमित इकाइयों को निदेशक-मंडल की अनुमति वाली एक नीति लागू करनी चाहिए। इस नीति में सूक्ष्म-वित्त ऋणों की कीमत, कवर, ब्याज दरों की अधिकतम सीमा और सभी अन्य शुल्कों के बारे में स्पष्टता लाने की जरूरत है। 

सूक्ष्म-वित्त ऋण दिशानिर्देश संबंधी इस प्रारूप के मुताबिक, ‘‘इन कर्जों पर ब्याज दरें एवं अन्य शुल्क बहुत ऊंचे नहीं रखे जाने चाहिए। ये शुल्क एवं दरें रिजर्व बैंक की निगरानी के दायरे में होंगी।’’ इसके साथ ही प्रत्येक नियमित इकाई को एक संभावित कर्जदार के बारे में कीमत-संबंधी जानकारी एक मानकीकृत सरल ‘फैक्टशीट’ के रूप में देनी होगी। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि कर्जदार अगर अपने कर्ज को समय से पहले चुकाना चाहता है तो उस पर किसी तरह की जुर्माना नहीं लगाया जाए। 

हालांकि, अगर किस्त के भुगतान में देरी होती है, तो सूक्ष्म-वित्त संस्थान ग्राहक पर जुर्माना लगा सकते हैं लेकिन वह भी बकाया राशि पर ही लगाया जाएगा, समूची कर्ज राशि पर नहीं। रिजर्व बैंक ने कहा कि किसी सूक्ष्म-वित्त कर्ज की अदायगी के संदर्भ में कर्जदार की मासिक आय की अधिकतम 50 प्रतिशत राशि ही पुनर्भुगतान की सीमा बनाई जा सकती है। 

इसके अलावा कर्ज संबंधी समझौता कर्ज ले रहे व्यक्ति को समझ में आने वाली भाषा में तैयार करने का भी प्रावधान किया गया है। पुराने दिशानिर्देशों के तहत सूक्ष्म-वित्त संस्थान की अर्हता नहीं रखने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) अपनी कुल परिसंपत्ति के 10 फीसदी से अधिक सूक्ष्म-वित्त कर्ज नहीं दे सकती थीं। लेकिन अब इसकी अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement