Saturday, December 14, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. 'पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करना बड़ी भूल', ऐसा करना भारत के विकास दर में बनेगा बड़ी रुकावट? जानें वजह

'पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करना बड़ी भूल', ऐसा करना भारत के विकास दर में बनेगा बड़ी रुकावट? जानें वजह

कुछ राज्यों में पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जा चुकी है तो वहीं बाकि राज्यों में इसे लागू करने की मांग भी हो रही है। अगर इसे सभी राज्यों में लागू किया जाता है तो इससे भारत के अर्थव्यवस्था पर कितना प्रभाव पड़ेगा? इसके बारे में अर्थशास्त्रियों ने विस्तार से जानकारी दी है।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published : Nov 13, 2022 19:02 IST, Updated : Nov 13, 2022 19:04 IST
'पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करना बड़ी भूल', जानें वजह- India TV Paisa
Photo:INDIA TV 'पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करना बड़ी भूल', जानें वजह

भारत में काफी समय से पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग की जा रही है। हाल ही में कुछ राज्यों ने इसे लागू किया है तो कुछ राज्यों में नई सरकार आने पर पुराने पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) को वापस से शुरु करने की बात कही गई है। इस बात की घोषणा के बीच अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इसके लिये वित्तीय संसाधनों का उपयोग करना एक ‘बड़ी भूल’ होगी और इससे औसत आर्थिक वृद्धि दर घटकर छह प्रतिशत पर आने के साथ अन्य विकास कार्यों पर भी असर पड़ेगा। 

अर्थशास्त्रियों का यह भी कहना है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) लागू होने से सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले नौकरीपेशा लोगों को ही लाभ होगा जो आबादी का एक सीमित हिस्सा ही है। वहीं निजी क्षेत्र में बड़ी संख्या में काम करने वाले कामगारों समेत तमाम लोगों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलना चाहिए। 

इन राज्यों ने हाल ही में इसे लागू करने का किया था ऐलान

उन्होंने ओपीएस से नई नौकरियों के लिए मौके मिलने पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका जताई है। पिछले कुछ महीनों में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब ने सरकारी कर्मचारियों के लिये ओपीएस को लागू करने की घोषणा की है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश और गुजरात में जारी विधानसभा चुनावों के दौरान कहा है कि इन राज्यों में सत्ता में आने पर वह ओपीएस लागू करेगी। इससे पहले उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा जोरशोर से उठा था। 

'भारत के विकास दर में आएगी गिरावट'

जाने-माने अर्थशास्त्री और वर्तमान में बेंगलुरु स्थित डॉ.बीआर आंबेडकर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स यूनिवर्सिटी के कुलपति एन आर भानुमूर्ति ने कहा, ‘‘नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) विभिन्न स्तरों पर काफी सोच-विचार कर लागू की गई है और यह स्वतंत्र भारत में सबसे बड़ा राजकोषीय सुधार है। इससे सरकार का वित्तीय बोझ काफी कम हुआ है और राज्य सरकारों की राजकोषीय स्थिति भी बेहतर हुई है। अगर ओपीएस पूरे देश में लागू कर दी गई तो इसका वित्तीय असर काफी व्यापक होगा। सार्वजनिक कर्ज का स्तर प्रबंधन-योग्य स्तर से ऊपर पहुंच जाएगा। इतना ही नहीं, औसत जीडीपी वृद्धि दर पर भी असर पड़ेगा और सात प्रतिशत से अधिक वृद्धि की संभावना घटकर छह प्रतिशत पर आ सकती है।’’ 

'लागू करने की गुंजाइश नहीं दिखती'

आर्थिक शोध संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी में प्रोफेसर लेखा चक्रवर्ती ने कहा कि चुनावों में मतदाताओं को लुभाने के लिए ओपीएस लागू करना आर्थिक नजरिये से नुकसानदायक है क्योंकि इसमें वित्तीय जोखिम है। इस घोषणा का समय भी विशेष रूप से महामारी के बाद के राजकोषीय जोखिम और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं को देखते हुए अनुचित है। राजकोषीय बाधाओं को देखते हुए ओपीएस को वापस से लागू करने की गुंजाइश नहीं दिखती है। अगर कोई सरकार इसे लागू करती है तो वह एक बड़ी गलती करने जा रही है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement