Monday, April 28, 2025
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10 दिन बाद मार्केट में लौटी तेजी, Sensex 740 अंक उछला, निवेशकों को आज इतने लाख करोड़ की हुई कमाई

बीएसई सेंसेक्स 740.30 अंक उछलकर 73,730.23 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी में भी 254.65 अंकों की तेजी रही।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Mar 05, 2025 15:35 IST, Updated : Mar 05, 2025 17:09 IST
Share Market
Photo:FILE शेयर बाजार

शेयर बाजार में लगातार 10 दिन की गिरावट पर आज ब्रेक लग गया। बुधवार को शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी लौटी। बीएसई सेंसेक्स 740.30 अंक उछलकर 73,730.23 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी में भी 254.65 अंकों की तेजी रही। निफ्टी 22,337.30 अंक पर बंद हुआ। बाजार में आज चौतरफा खरीदारी देखने को मिली। लॉर्ज के अलावा मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में भी अच्छी तेजी रही। बाजार में शानदार तेजी से निवेशकों की आज एक दिन में करीब 8 लाख करोड़ रुपये की कमाई हो गई। दरअसल, जब कल बाजार बंद हुआ था तो बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 3.85 लाख करोड़ था जो आज बढ़कर 3.93 लाख करोड़ पहुंच गया। इस तरह निवेशकों को एक दिन में 8 लाख करोड़ की कमाई हो गई है। 

इन शेयरों में लौटी अच्छी तेजी 

सेंसेक्स में शामिल शेयरों में अदाणी पोर्ट्स, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एनटीपीसी, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, आईटीसी, नेस्ले इंडिया, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, भारती एयरटेल, भारतीय स्टेट बैंक, एशियन पेंट्स और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में प्रमुख रूप से तेजी रही। दूसरी तरफ बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक और जोमैटो के शेयरों में गिरावट रही। मेहता इक्विटीज लि.के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में मजबूत संकेतों के साथ घरेलू सूचकांकों में तेजी आई। इसका कारण यह संकेत है कि वैश्विक व्यापार तनाव के बीच डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन कुछ शुल्क दरों को वापस ले सकता है। इससे धारणा मजबूत हुई।’’ तापसे ने कहा कि इसके अलावा, फरवरी पीएमआई सूचकांक में वृद्धि जैसे स्थानीय कारकों ने भी बाजारों धारणा को मजबूती दी। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग में सुधार के कारण फरवरी में भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में तेज वृद्धि देखी गई। इसके चलते उत्पादन में तेजी से विस्तार हुआ और रोजगार में पर्याप्त वृद्धि हुई। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा पीएमआई व्यापार गतिविधि सूचकांक जनवरी के 26 महीने के निचले स्तर 56.5 से बढ़कर फरवरी में 59.0 हो गया। यह तेज विस्तार को दर्शाता है।

विदेशी निवेशक बेचना नहीं रोक रहे 

एचएसबीसी में मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘ भारत का सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक फरवरी, 2025 में बढ़कर 59.0 हो गया, जो जनवरी के 26 महीने के निचले स्तर 56.5 से काफी ऊपर है। नए निर्यात कारोबार सूचकांक के अनुसार छह महीनों में सबसे तेज गति से बढ़ी वैश्विक मांग ने भारत के सेवा क्षेत्र के लिए उत्पादन वृद्धि को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाई है।’’ एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी बढ़त के साथ बंद हुए। यूरोपीय बाजारों में दोपहर कारोबार में तेजी का रुख था। वॉल स्ट्रीट मंगलवार को नुकसान में रहा था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.49 प्रतिशत घटकर 70.69 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 3,405.82 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। 

इन 5 वजहों से स्टॉक मार्केट में लौटी तेजी 

1. शॉर्ट कवरिंग 


मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, मार्केट में 19 सेशंस के सूखे के बाद तेजी आ रही है। इस दौरान निवेशकों, विशेष रूप से FII के पास भारतीय शेयरों में भारी शॉर्ट पोजीशंस जमा हो गई थीं। अब वे अपनी कुछ पोजीशंस को कवर कर रहे हैं। इसलिए आज की तेजी के पीछे शॉर्ट कवरिंग एक वजह हो सकती है।

2. डॉलर में आई गिरावट

अमेरिकी डॉलर तीन महीने के निचले स्तर पर आ गया है। डॉलर में गिरावट के कारण एफआईआई शॉर्ट कवरिंग कर सकते हैं, क्योंकि अमेरिकी करेंसी दिसंबर 2024 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स आज लाल निशान पर ट्रेड कर रहा है। यह 105.50 के करीब आ गया है। इसके कारण एफआईआई अमेरिकी करेंसी मार्केट में प्रॉफिट बुकिंग करते दिख रहे हैं। इसके साथ ही वे भारतीय बाजार में अपनी शॉर्ट पोजीशन को कवर कर सकते हैं।

3. यूएस बॉन्ड यील्ड में गिरावट

एक्सपर्ट्स के अनुसार, यूएस डॉलर में प्रॉफिट बुकिंग के ट्रिगर के बाद हाल के सेशंस में अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में गिरावट आई है। यह भी भारतीय बाजार में शॉर्ट कवरिंग की वजह हो सकती है।

4. अमेरिका में महंगाई का डर

टैरिफ वॉर के कारण अमेरिका में महंगाई का एक नया डर पैदा हो गया है। इससे फेड सख्त रुख अपना सकता है। यह ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी का साइड इफेक्ट होगा।

5. यूएस स्टॉक मार्केट

स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। यहां तक कि यह क्रैश भी हो सकता है, यह ट्रंप को अपनी पॉलिसी पर फिर से विचार करने को मजबूर कर सकता है। इसके बाद उनकी पॉलिसीज में कुछ विवेक और संतुलन देखने को मिल सकता है। हालांकि, यह कब होगा, यह तय नहीं है।

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