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1 अप्रैल से बदल जाएगा होम, ऑटो, एमएसएमई लोन पर लगने वाले ब्‍याज का फॉर्मूला, आपको होगा ये फायदा

आरबीआई ने पर्सनल, होम, ऑटो औरएमएसई लोन पर फ्लोटिंग ब्याज दरों को बाहरी बेंचमार्क जैसे रेपो रेट या ट्रेजरी यील्ड से जोड़ने का प्रस्ताव किया है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : December 05, 2018 19:39 IST
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नई दिल्‍ली। बेहतर पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को पर्सनल, होम, ऑटो और माइक्रो एंड स्‍माल एंटरप्राइजेज (एमएसई) लोन पर फ्लोटिंग ब्‍याज दरों को बाहरी बेंचमार्क जैसे रेपो रेट या ट्रेजरी यील्‍ड से जोड़ने का प्रस्‍ताव किया है। बैंक ने कहा है कि अगले साल एक अप्रैल से ब्‍याज दर की गणना सीधे रेपो रेट के हिसाब से की जाएगी। वर्तमान में बैंक प्राइम लेंडिंग रेट (पीएलआर), बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (बीपीएलआर), बेस रेट और मार्जिनल कॉस्‍ट ऑफ फंड बेस्‍ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) सहित आंतरिक बेंचमार्क सिस्‍टम का पालन करते हैं।

आरबीआई के ‘स्‍टेटमेंट ऑन डेवलपमेंट एंड रेगूलेटरी पॉलिसी’ में कहा गया है कि ब्‍याज दरों को बाहरी बेंचमार्क से लिंक करने के लिए अंतिम दिशा-निर्देश इस माह के अंत तक जारी किए जाएंगे। फ्लोटिंग ब्‍याज दरों को बाहरी बेंचमार्क से जोड़ने का यह प्रस्‍ताव आरबीआई द्वारा गठित एक आंतरिक स्‍टडी ग्रुप द्वारा पेश किया गया है, जिसको एमसीएलआर सिस्‍टम का रिव्‍यू करने के लिए गठित किया गया था।

आरबीआई ने कहा है कि पर्सनल या रिटेल लोन (हाउसिंग, ऑटो आदि) के लिए सभी नए फ्लोटिंग रेट और माइक्रो एंड स्‍माल एंटरप्राइजेज के लिए फ्लोटिंग रेट लोन को 1 अप्रैल, 2019 से रेपो रेट या 91/182 ट्रेजरी बिल यील्‍ड या फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्रा.लि. द्वारा कोई अन्‍य बेंचमार्क मार्केट इंटरेस्‍ट रेट से जोड़ा जाएगा। आरबीआई ने कहा है कि बैंक इस तरह के बाहरी बेंचमार्क से जुड़े लोन अन्‍य प्रकार के ग्राहकों को देने के लिए स्‍वतंत्र होंगे।

आरबीआई ने कहा है कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने, मानकीकरण और लोन प्रोडक्‍ट को समझने में आसान बनाने के लिए बैंकों को लोन कैटेगरी में यूनीफॉर्म बाहरी बेंचमार्क अपनाना चाहिए। दूसरे शब्‍दों में आरबीआई ने कहा है कि समान बैंक द्वारा लोन कैटेगरी में विभिन्‍न बेंचमार्क को अपनाने की अनुमति नहीं होगी।  

आरबीआई के इस नए नियम से रेपो रेट में कमी होते ही बैंकों को रिटेल लोन की ब्‍याज दरों में तुरंत कटौती करनी होगी। अभी तक बैंक एमसीएलआर और अन्‍य बेंचमार्क का हवाला देकर आरबीआई द्वारा की जाने वाली ब्‍याज दर कटौती का फायदा ग्राहकों को न देने का बहाना बनाते हैं।

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