भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने शुक्रवार को रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.25 प्रतिशत कर दिया था।
इंडियन बैंक के अलावा, पब्लिक सेक्टर के दो अन्य बैंक- बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा भी कर्ज की ब्याज दरों में कटौती कर चुके हैं।
RBI ने नीतिगत दर में कटौती का फैसला ऐसे समय में लिया है जब भारत को अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 50% की ऊंची टैरिफ दर जैसे वैश्विक आर्थिक दबावों का सामना करना पड़ रहा है।
अक्टूबर में खुदरा महंगाई (सीपीआई) घटकर 0.3% पर आ गई, जो पिछले एक दशक का सबसे निचला स्तर है। इससे आरबीआई को फैसला लेने में मदद मिलेगी। अगले 12 महीनों में औसत सीपीआई महंगाई लगभग 3.7% रहने की संभावना है।
मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 3-5 दिसंबर 2025 तक होनी है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा 5 दिसंबर को समिति के फैसलों की घोषणा करेंगे।
जानकार का कहना है कि घटती मुद्रास्फीति से आरबीआई को आर्थिक विकास को समर्थन देने का बेहतर अवसर मिला है। अगर चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में ग्रोथ रेट कमजोर होती है, तो ब्याज दर में कटौती की गुंजाइश और बढ़ जाएगी।
फेड के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि कमिटी की चर्चाओं में दिसंबर को लेकर विचारों में काफी मतभेद थे। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि फेड के भीतर कम से कम एक और चक्र इंतजार करने की राय अब तेजी से बढ़ रही है।
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2025) के लिए तमाम सरकारी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) 29 सितंबर से 3 दिन तक विचार-विमर्श के लिए बैठक करेगी।
16 सितंबर को शुरू हुई फेड रिजर्व की मीटिंग का आज आखिरी दिन था, जिसमें अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने इस साल पहली बार ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व (फेड) की बुधवार को मीटिंग है जिसमें ब्याज दर पर नई घोषणाएं हो सकती हैं, जिसका असर आने वाले दिनों में भारत सहित दुनियाभर में भी देखने को मिल सकता है।
पीएनबी ने एमसीएलआर में 15 बेसिस पॉइंट्स तक की कटौती की है और बैंक ऑफ इंडिया ने ओवरनाइट अवधि को छोड़कर बाकी सभी अवधि के लोन के लिए ब्याज दरों में 5 से लेकर 15 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है।
जब भी कोई कस्टमर 10, 15, 20 या 30 साल के लिए होम लोन लेता है तो उसके बदले उसे मोटा ब्याज भी चुकाना होता है। ब्याज की यह रकम अच्छी-खासी हो जाती है। आप ₹50 लाख तक का होम लोन बिना ब्याज चुकाए (इंटरेस्ट फ्री) भी निपटा सकते हैं? सुनने में ये किसी जादू से कम नहीं लगता, लेकिन आप ऐसा कर सकते हैं। आप एसआईपी में निवेश के जरिये य
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) भारत में मौद्रिक नीति तय करने वाली एक स्वतंत्र और बेहद महत्वपूर्ण संस्था है। इस पर महंगाई को कंट्रोल करने और आर्थिक वृद्धि यानी विकास दर को संतुलित बनाए रखने की जिम्मेदारी है।
पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, एमआईएस, पोस्ट ऑफिस आरडी, केसीसी सहित तमाम छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को लेकर वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी किया है।
रिजर्व बैंक के जून बुलेटिन में छपे एक लेख में जोर दिया गया कि वित्तीय स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और एचडीएफसी बैंक सहित कई बड़े बैंकों ने दरों में कटौती का ऐलान किया है।
Bank of Maharashtra ने कहा कि ब्याज दरों में कमी का यह लाभ बैंक की अपने सभी ग्राहकों को सर्वोत्तम वित्तपोषण समाधान प्रदान करने और उनके सपनों को पूरा करने में मदद करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बैंक की तरफ से की गई इस कटौती से नए और मौजूदा खुदरा (होम, ऑटो, पर्सनल लोन आदि) और एमएसएमई उधारकर्ताओं के लिए फायदेमंद होगा। कई बैंकों ने कर्ज की दरों में कटौती की है और बाकी बैंक भी जल्द ही ऐसा करेंगे।
पंजाब नेशनल बैंक ने 9 जून, 2025 से प्रभावी अपने आरएलएलआर में 50 आधार अंकों की कटौती की है। इससे बैंक ग्राहकों को काफी राहत मिलेगी।
जानकारों का कहना है कि ट्रंप के टैरिफ से उपजे व्यापार तनाव की पृष्ठभूमि में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए RBI ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
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