
अगर आप इन्वेस्टमेंट में अपने पैसे को दो, तीन या चार गुना करना चाहते हैं, तो इसके लिए अनुशासन, धैर्य और गहन शोध आवश्यक है। हमेशा उसी निवेश विकल्प में पैसा लगाएं जिसे आप अच्छी तरह समझते हों और कभी भी किसी और की राय के आधार पर निवेश न करें। वित्तीय विशेषज्ञों द्वारा बनाए गए कुछ महत्वपूर्ण नियम आपकी निवेश यात्रा को आसान बना सकते हैं। ये नियम आपको यह अनुमान लगाने में मदद करते हैं कि आपके निवेश को दोगुना, तीन गुना या चार गुना होने में कितना समय लगेगा या आपको अपने टार्गेट तक पहुंचने के लिए किस औसत रिटर्न वाली स्कीम में निवेश करना चाहिए।
72 का नियम
यह नियम बताता है कि किसी निवेश विकल्प में आपका पैसा कब डबल होता है। 72 के नियम को समझने के लिए आपको 72 में संभावित सालाना रिटर्न की दर का भाग देना होगा। उदाहरण के लिए आपने एक ऐसे निवेश विकल्प में 1 लाख रुपये निवेश किये हैं, जो 8 फीसदी सालाना रिटर्न दे रहा है। अब 72 में 8 का भाग देने पर 9 आएगा। यह 9 वह संख्या है, जितने साल आपके इन्वेस्टमेंट को दोगुना होने में लगेंगे। यानी इस निवेश में आपके 1 लाख रुपये को 2 लाख रुपये बनने में 9 साल लगेंगे।
114 का नियम
114 का नियम बताता है कि आपके निवेश को तीन गुना होने में कितना वक्त लगेगा। इस नियम में आपको 72 के स्थान पर 114 का उपयोग करना है। जैसे कोई निवेश आपको 10 फीसदी सालाना रिटर्न दे रहा है, तो उसमें आपकी रकम को तीन गुना होने में 114/10= 11.4 साल लगेंगे। इस तरह इस निवेश में आपकी रकम को तीन गुना होने में 11.4 साल लगेंगे।
144 का नियम
144 के नियम से हम यह पता कर सकते हैं कि हमारे निवेश को चार गुना होने में कितना समय लगेगा। इसके लिए फॉर्मूले में आपको 72 की जगह 144 रखना है। जैसे कोई निवेश आपको 12 फीसदी सालाना रिटर्न दे रहा है। तो इस निवेश में आपकी रकम को 4 गुना होने में 144/12= 12 साल लगेंगे। आप इस फॉर्मूले को उल्टा यूज करके यह भी पता कर सकते हैं कि आपके निवेश को इतने साल में 4 गुना करने के लिए सालाना कितने फीसदी रिटर्न की जरूरत होगी। इन नियमों का उपयोग करके आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किस प्रकार की निवेश योजनाओं में निवेश करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी प्रकार के निवेश से पहले या वित्तीय जोखिम लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के जोखिम के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।