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PF account में कर योग्‍य ब्‍याज की गणना के लिए नियम हुए अधिसूचित, जानिए कैसे होगा अब कैलकुलेशन

आयकर कानून नियम, 1962 में नियम 9डी जोड़ा गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि पीएफ खातों में अलग से खाते बनाने होंगे। इसमें भविष्य निधि में कर योग्य और गैर-कर योग्य योगदान और उस पर मिलने वाले ब्याज को अलग-अलग दिखाना होगा।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: September 03, 2021 13:56 IST
FinMin notifies rules for calculating taxable interest in PF account- India TV Paisa

FinMin notifies rules for calculating taxable interest in PF account

नई दिल्‍ली। वित्त मंत्रालय ने कर्मचारी के भविष्य निधि खाते (PF account) में एक साल में 2.5 लाख रुपये से अधिक योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर कर की गणना के लिए नियमों को अधिसूचित कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में एक साल की अवधि में भविष्य निधि में कर्मचारियों और नियोक्ताओं के संयुक्त रूप से अधिकतम 2.5 लाख रुपये के योगदान पर मिलने वाले ब्याज को कर मुक्त रखने की सीमा तय की थी। इसका मकसद अधिक वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को अपनी अधिशेष राशि को भविष्य निधि में लगाने से रोकना है क्योंकि अब पीएफ खाते में तय सीमा से अधिक के योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर कर लगाया जाएगा।

भविष्य निधि को एक तरह से आम आदमी का सेवानिवृत्ति कोष माना जाता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बुधवार को भविष्य निधि में कर योग्य ब्याज की गणना के लिए नियमों को अधिसूचित कर दिया है।

बनाने होंगे दो अलग-अलग खाते

इसमें कहा गया है कि आकलन के लिए भविष्य निधि खाते के अंतर्गत व्यक्ति के कर योग्य और गैर-कर योग्य योगदान को लेकर 2021-22 से अलग-अलग खाते बनाने होंगे। नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के भागीदार शैलेश कुमार ने कहा कि सीबीडीटी की अधिसूचना से चीजें स्पष्ट हुई हैं। इससे अंततः आशंका दूर हुई है जो निर्धारित सीमा से ऊपर के योगदान के साथ भविष्य निधि पर मिलने वाले ब्याज के ऊपर कराधान की घोषणा के साथ उत्पन्न हुई थी।

9डी नियम जोड़ा गया

आयकर कानून नियम, 1962 में नियम 9डी जोड़ा गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि पीएफ खातों में अलग से खाते बनाने होंगे। इसमें भविष्य निधि में कर योग्य और गैर-कर योग्य योगदान और उस पर मिलने वाले ब्याज को अलग-अलग दिखाना होगा। कुमार ने कहा कि यह व्यवस्था करदाताओं को कर वाले ब्याज की गणना की सुविधा प्रदान करेगा। जिन पीएफ खातों में नियोक्ता का भी योगदान होगा उनके लिए कर मुक्त योगदान की सीमा 2.5 लाख रुपये है, जबकि जिन पीएफ खातों में नियोक्ता का योगदान नहीं होगा उन भविष्य निधि खातों में 5 लाख रुपये की बढ़ी हुई सीमा तक कर मुक्त ब्याज का लाभ मिलेगा।

93 प्रतिशत अंशधारकों पर नहीं पड़ेगा असर

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के अंशधारकों की संख्या छह करोड़ से अधिक है। इस लिहाज से 2.5 लाख रुपये के योगदान की सीमा में ईपीएफओ के 93 प्रतिशत अंशधारक आते हैं और उन्हें कर मुक्त ब्याज का लाभ मिलता रहेगा। इस प्रकार इस नए नियम से छोटे और मझोले स्तर के कर्मचारियों पर इस कदम का कोई बोझ नहीं पड़ेगा।  

सीमा से अधिक योगदान पर देना होगा टैक्‍स

नए नियमों के तहत, नॉन-टैक्सेबल PF कंट्रीब्यूशन में इस वर्ष मार्च तक का बैलेंस और व्यक्ति की ओर से 2021-22 और पिछले वर्षों में किया गया कंट्रीब्यूशन शामिल होगा, जिसे टैक्सेबल कंट्रीब्यूशन एकाउंट में शामिल नहीं किया गया है और जो लिमिट के अंदर है। लिमिट से अधिक जमा राशि टैक्सेबल कंट्रीब्यूशन एकाउंट में होगी और इस पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर टैक्स लगेगा।

1 अप्रैल से लागू होंगे नए नियम

सरकार के अनुमान के मुताबिक लगभग 123,000 लोग अपने पीएफ खाते में टैक्स फ्री इंटरेस्ट से 50 लाख रुपये सालाना से अधिक का ब्‍याज हासिल कर रहे हैं। इस वर्ष के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएफ योगदान पर टैक्स फ्री इंटरेस्ट की सीमा 2.5 लाख रुपये तय की थी। अगर किसी व्यक्ति के एकाउंट में एंप्लॉयर का कंट्रीब्यूशन नहीं है तो उसके लिए लिमिट 5 लाख रुपये की होगी।

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