संगठन के अनुसार वैश्विक स्तर पर ऊर्जा संसाधनों की बढ़ती कीमतों के बीच बिजली उत्पादक अपनी मांग को पूरा करने के लिए घरेलू कोयले की आपूर्ति को लेकर सरकार पर दबाव डालेंगे।
सितंबर में कुल कोयला आयात में नॉन-कोकिंग कोल का हिस्सा 92.2 लाख टन रहा। पिछले साल सितंबर में यह आंकड़ा 1.19 करोड़ टन रहा था। वहीं इस दौरान कोकिंग कोयले का आयात 45.8 लाख टन से घटकर 42.7 लाख टन पर आ गया।
ओएनजीसी का दूसरी तिमाही के दौरान शुद्ध लाभ 18,347.73 करोड़ रुपये रहा, वहीं कोल इंडिया को तिमाही के दौरान 2,936 करोड़ रुपये का लाभ हुआ।
सूत्र ने बताया कि बिजली संकट के बीच सूखे कोयले की निर्बाध आपूर्ति के कारण बकाया राशि में और उछाल आया है और बकाया राशि पहले ही लगभग 24,000-25,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
सरकार ने कोल इंडिया को नवंबर के अंत तक ताप बिजली घरों के पास कम से कम 18 दिन का कोयला भंडार सुनिश्चित करने को कहा है।
फिलहाल बिजली संयंत्रों के पास 5 दिन का कोयला भंडार है जिसके इसी हफ्ते में बढ़कर 6 दिन का होने की उम्मीद है। बीते 1 हफ्ते से कोयले के भंडार 2 लाख टन प्रति दिन से बढ़ रहे हैं
आधिकारिक बयान में कहा गया कि नौ दिनों से कोयले के भंडार में वृद्धि के साथ, बिजली संयंत्रों के पास पांच दिनों का भंडार उपलब्ध है, जो एक हफ्ते में बढ़कर 6 दिन का हो जायेगा
CEA के आंकड़ों के अनुसार 11 अक्टूबर को चार दिन से कम भंडार वाली परियोजनाओं की संख्या 69 थी। CEA 135 ताप बिजली संयंत्रों में कोयला भंडार की स्थिति पर नजर रखता है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के ताजा आंकड़ों के अनुसार चार दिनों से कम कोयले वाले गैर-पिट हेड परियोजनाओं की संख्या 17 अक्टूबर को 61 थी, जबकि यह आंकड़ा 10 अक्टूबर को 70 और तीन अक्टूबर को 64 था।
अगस्त में 1.52 करोड़ टन के कुल आयात में नॉन कोकिंग कोयले का हिस्सा 90.8 लाख टन रहा, जो कि पिछले साल अगस्त में 1.03 करोड़ टन था।
कोल इंडिया का यह फैसला बताता है कि देश में बिजली और कोयले की हालत कितनी गंभीर है।
इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के जरिये निजी कंपनियों ने सिर्फ तीन दिन के अंदर देश भर में मनमानी दरों पर बिजली बेचकर 840 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है।
तेल की कीमतें वृद्धि के साथ 83 डॉलर प्रति बैरल हो गयी है और कोयले की कीमत भी उछाल के साथ 200 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गयी है।
जोशी ने कहा कि कुछ कोयला खदानों के बंद होने और मानसून के कारण कुछ अन्य खदानों के जलमग्न होने से बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हुई। मंत्री ने बैठक में खनन के लिए जमीन की उपलब्धता से जुड़े मुद्दे पर भी चर्चा की।
केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने जानकारी दी गयी कि थर्मल पावर प्लांट्स को 20 लाख टन कोयले की आपूर्ति की गयी है। इसके साथ ही स्टॉक में सुधार भी शुरू हो गया है।
अगले 5 से 7 दिन में 20 लाख टन कोयला प्रतिदिन की सप्लाई शुरू हो जायेगी। वही कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिये रेलवे की साढ़े तीन सौ रैक की उपलब्धता कर दी गयी है।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान पावर सेक्टर के लिए लोडिंग 225.3 रैक प्रतिदिन रही, जो पिछले साल की समान अवधि के 176.3 रैक की तुलना में 28 प्रतिशत अधिक है।
विद्युत मंत्रालय ने राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति के लिए आवंटित नहीं की गई बिजली का उपयोग करें
केरल की सरकार हालात पर पैनी नज़र बनाए हुए है। आम लोगों से अपील की गई है कि वे सोच समझकर बिजली खर्च करें नहीं तो भविष्य में संकट आ सकता है।
देश में इस वर्ष कोयला का हालांकि रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, लेकिन अत्यधिक वर्षा ने कोयला खदानों से बिजली उत्पादन इकाइयों तक ईंधन की आवाजाही को ख़ासा प्रभावित किया है।
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