केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संशोधित नया आयकर विधेयक पेश किया था, जो लोकसभा में पास भी हो गया। नए बिल में कुछ पुरानी छूटों को बरकरार रखा गया है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मंगलवार को अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर इनकम टैक्स बिल, 2025 को लेकर कुछ बहुत जरूरी चीजें साफ की हैं।
संदिग्ध पैटर्न की पहचान करने के लिए, डिपार्टमेंट ने थर्ड-पार्टी सोर्स, जमीनी स्तर की खुफिया जानकारी और एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स से प्राप्त फाइनेंशियल डेटा का लाभ उठाया है।
भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान के अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा ने कहा कि संस्थान ने कमेटी को प्रस्तावित विधेयक में धाराओं की संख्या में 90 से 100 की कटौती करने का दिया है। फिलहाल नए इनकम टैक्स बिल में कुल 536 धाराएं रखी गई हैं। बताते चलें कि पिछले महीने लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल पेश किया गया था।
मौजूदा कानून के तहत अगर किसी मामले में जांच अधिकारियों के पास चाबियां नहीं हैं और उन्हें संदेह है कि वहां कोई अघोषित संपत्ति या बुक ऑफ अकाउंट्स रखा जा रहा है, तो वे किसी भी दरवाजे, बक्से या लॉकर का ताला तोड़ सकते हैं।
नया इनकम टैक्स बिल 2025, भारत के टैक्स सिस्टम में सुधार के लिए एक बड़ी कोशिश का ही एक हिस्सा है। नए इनकम टैक्स बिल का उद्देश्य मौजूदा टैक्स सिस्टम में सुधार करने के साथ ही इसे ज्यादा सुव्यवस्थित, आसान और पारदर्शी बनाना है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते 8 फरवरी को मीडिया से बातचीत करते हुए बताया था कि अगले हफ्ते (मौजूदा हफ्ते) संसद में नया इनकम टैक्स बिल पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा था कि लोकसभा में बिल पेश किए जाने के बाद इसे आगे की चर्चा के लिए इसे संसदीय वित्त स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा।
सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने बजट भाषण में कहा था कि सरकार आने वाले सप्ताह में संसद में नया आयकर विधेयक पेश करेगी, जो 1961 के कानून की जगह लेगा।
क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने 25वें स्थापना दिवस के मौके पर ये भी सुझाव दिया कि सरकार को किफायती और मध्यम आय वर्ग के लिए आवास की मांग को बढ़ावा देने के लिए 75-80 लाख रुपये तक की लागत वाले निर्माणाधीन मकानों पर 1 प्रतिशत जीएसटी लगाना चाहिए।
आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा का मकसद मुकदमेबाजी को कम करना और करदाताओं को टैक्स निश्चितता प्रदान करना है। आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की नई व्यवस्था को व्यापक स्वीकृति मिल रही है।
Income Tax में कई ऐसी धाराएं मौजूद हैं, जिनकी मदद से आप आसानी से अपना टैक्स का बोझ कम कर सकते हैं।
Top Changes Today: आज से आम जनता के लिए कई नियम बदल गए हैं। खाना बनाने के लिए गैस सिलेंडर खरीदना हो या कमाने के बाद टैक्स जमा करना हो या फिर बीमा पॉलिसी लेना हो। आइए आज से हुए सभी बड़े बदलावों पर नजर डालते हैं।
इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80सी के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति या संगठित हिन्दू परिवार 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का दावा कर सकता है।
अगर आप अभी भी पुरानी टैक्स व्यवस्था में ही हैं तो इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत आप 1.5 लाख तक निवेश कर टैक्स छूट ले सकते हैं।
सभी को यह उम्मीद थी कि सरकार 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में एनआरआई और विदेशी नागरिकों के रेजिडेंसी स्टेट्स पर स्पष्टता देगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ट्वीट कर बताया कि सीबीडीटी ने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 119 के तहत 11 जनवरी को एक आदेश पारित कर धारा 44एबी के तहत ऑडिट रिपोर्ट को फाइल करने की अंतिम तारीख आगे बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया है।
सालाना 5 से 7.5 लाख रुपए पर 10 प्रतिशत सालाना 7.5 लाख से 10 लाख रुपए 15 प्रतिशत
टास्कफोर्स ने इस रिपोर्ट में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) को पूरी तरह से हटाने की सिफारिश की है।
बदलती जीवन शैली और बढ़ते स्वास्थ खर्च की वजह से देश में हेल्थ इंश्योरेंस की मांग काफी बढ़ गई है। हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 80डी के तहत टैक्स छूट मिलती है।
नए वित्त वर्ष 2018-19 की शुरुआत 1 अप्रैल से हो चुकी है और इस साल से सरकार ने कुछ नियमों में बदलाव भी किए हैं। हालांकि इनकम टैक्स के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन कुछ कटौतियां किसी व्यक्ति की टैक्स योग्य आय पर प्रभाव डालेगी।
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