भारत से कतर की हवाई यात्रा में अब अधिक समय लगेगा क्योंकि विमानन कंपनियों को पाकिस्तान व ईरान से होकर लंबा मार्ग अपनाना पड़ रहा है।
ईरान ने ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) को फर्जाद-बी प्राकृतिक गैस-ब्लॉक आवंटित करने के लिए नई शर्त लगाई है। ईरान बाजार की तीन गुणा दर लगाना चाहता है।
अमेरिका, ईरान और ऑस्ट्रेलिया को आम के निर्यात में सफलता हासिल करने के बाद भारत ने अपनी निगाहें जापान और दक्षिण कोरिया के बाजारों पर लगा दी हैं।
नितिन गडकरी ने आज कहा कि ईरान में रणनीतिक चाबहार बंदरगाह का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। भारत ने ईरान में पहले ही एक वैश्विक कंपनी का गठन किया है।
भारत ने ईरान से कच्चे तेल आयात की मात्रा कम करने की धमकी क्या दी, ईरान ने बदले में आयातित तेल के भुगतान का समय तीन माह से घटाकर दो माह कर दिया।
भारतीय कंपनियों के ईंधन आयात में कटौती करने की धमकी पर आपत्ति जताते हुए ईरान ने कहा कि उनके पास उनके तेल के और भी खरीदार हैं।
निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो ने कहा है कि भारत और ईरान के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए कृषिं जिंसों पर शुल्कों को तर्कसंगत करने की जरूरत है।
एस्सार आयल ने नए रास्ते से ईरान को तेल बकाए का 50 करोड़ डॉलर का भुगतान किया है। इस तरह उसने अपने उपर कुल बकाया का 20 प्रतिशत चुका दिया है।
भारत ने ईरान से यहां एक तेल क्षेत्र के परिचालन का अधिकार मांगा है, ताकि यहां से कच्चे तेल का आयात बढ़ाया जा सके।
प्रधानमंत्री मोदी की ईरान यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 12 अहम करार हुए। इसमें रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह को विकसित करने का है।
भारत ईरान के चाबहार मुक्त व्यापार क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने के लिए अरबों डॉलर का निवेश करेगा, जिसके लिए दोनों देशों के बीच समझौता हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि ईरान पर से अंतराष्ट्रीय प्रतिबंध समाप्त होने से बहुत अधिक अवसर सामने आए हैं
मोदी की ईरान यात्रा से पहले भारतीय रिफाइनिंग कंपनियों ने ईरान को 6.4 अरब डॉलर की बकाया राशि में से 1.25 अरब डॉलर का आंशिक भुगतान कर दिया।
नरेंद्र मोदी की 23-24 मई को ईरान यात्रा के दौरान भारत वहां चाबहार बंदरगाह के पहले चरण के विकास के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करेगा।
एक बार फिर देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। इस बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे ईरान हो सकता है।
ईरान ने भारत को कच्चे तेल की नि:शुल्क ढुलाई बंद कर दी है। रिफाइनरी कंपनियों को ढुलाई का प्रबंध खुद करने को कहा गया है।
ईरान को सरकार ने नेशनल इरानियन आयल कंपनी को मुंबई में दफ्तर खरीदने की मंजूरी दी है, अब वहां के बैंक अपनी शाखाएं भारत में खोल सकते है।
भारत ने ईरान को कच्चे तेल के 6.5 अरब डॉलर के बकाए पर 1.5 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करने पर सहमति जताई है।
भारत ने ईरान के चाबहार बंदरगाह पर एलएनजी टर्मिनल स्थापित करने में रचि दिखाई है ताकि वहां से तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की खेप देश में भेजी जा सके।
ईरान ने रिफाइनिंग कंपनियों से कहा कि वे लिबॉर जमा 0.75 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करें ताकि विदेशी मुद्रा विनिमय दर से हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।
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