बाइक या अन्य किसी भी टू व्हीलर से टोल टैक्स न लेने के पीछे मुख्य वजह इनका वजन है। टोल टैक्स सड़क निर्माण कार्य का पैसा वसूलने के साथ-साथ उसकी मेन्टीनेंस का खर्च भी आते-जाते वाहनों से ही लेते हैं।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के गाइडलाइन के अनुसार अगर टोल प्लाजा पर 10 सेकंड से अधिक वेट करना पड़े तो आप बिना टोल टैक्स दिए जा सकते हैं।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार टोल प्लाजा की जगह स्वचालित ’नंबर प्लेट पहचान प्रणाली’ के उपयोग के लिए ’पायलट प्रोजेक्ट’ पर काम कर रही है।
गडकरी ने कहा, ‘‘सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय वाहनों को रोके बिना अपने-आप टोल संग्रह के लिए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली की एक पायलट परियोजना पर काम कर रहा है।’’
वैकल्पिक मार्गों की तलाश करने वालों के लिए, गूगल मैप्स टोल और विकल्पों के साथ, जहां उपलब्ध हो, एक टोल-फ्री मार्ग का विकल्प प्रदान करना जारी रखेगा।
राज्य सरकारों द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने से लोगों की आवाजाही में कमी आई है, जिसका असर यात्री वाहनों और बस श्रेणी के यातायात पर पड़ेगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की पथकर से होने वाली आय अगले तीन साल में 40,000 करोड़ रुपये सालाना से बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये प्रति वर्ष हो जायेगी।
एक्सप्रेस-वे के तीनों टोल प्लाजा, जेवर, मथुरा व आगरा में फास्टैग के लिए जरूरी तकनीकी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं।
केन्द्रीय मंत्री के मुताबिक अगले पांच साल में एनएचएआई की सालाना टोल आय बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी। अभी यह 40,000 करोड़ रुपये के स्तर पर है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के मार्च 2023 तक पूरा होने की संभावना है और इसे भारतमाला परियोजना के पहले चरण के तहत बनाया जा रहा है।
देश के कई हिस्सों में अप्रैल-जून 2021 के दौरान पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन के लागू होने से लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई है, जिससे टोल कलेक्शन प्रभावित हुआ है
ज्यादातर राज्यों में लॉकडाउन में ढील तथा राजमार्गों पर यातायात बढ़ने से जून, 2021 में पथकर (टोल) संग्रह बढ़कर 2,576.28 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
एनएचएआई के टोल नाकों पर फास्टैग की उपलब्धता कुल मिलाकर 96 प्रतिशत और इनमें कईयों में तो 99 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
आने वाले एक साल में संभव है कि आपको हाइवे पर एक भी टोल नाके न मिलें। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सड़क परिवहन मंत्रालय हाइवे पर नई व्यवस्था ला रहा है।
FASTag को लेकर चेतवनी जारी कर दी गई है। अगर आपने भी अपनी कार/स्कूटर/मोटरसाइकल या अन्य वाहनों में FASTag हाल फिलहाल में खरीदा है या खरीदने वाले है तो आप सावधान हो जाएं।
FASTag से सरकार की कमाई ने रिकॉर्ड तोड़ दिए है। NHAI का टोल कलेक्शन नई उंचाई पर जा पहुंचा है। सरकार ने FASTag को 15 फरवरी मध्यरात्री से अनिवार्य कर दिया गया था।
डिजिटल इंडिया अभियान को आगे बढ़ाने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने वाहन चालकों को फ्री में फास्टैग देने का यह कार्यक्रम शुरू किया है।
मंगलवार से टोल प्लाजा पर सभी कैश लाइन बंद कर दी जाएंगी। टोल से भुगतान सिर्फ फास्ट टैग के जरिए ही किया जा सकेगा। अगर किसी के वाहन में फास्टैग नहीं हो तो उसे टोल शुल्क का दोगुना भुगतान करना होगा।
देश में इस समय 2.54 करोड़ यूजर्स फास्टैग का इस्तेमाल कर रहे हैं और कुल टोल कलेक्शन में फास्टैग की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत है।
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की वित्तीय स्थिति काफी बेहतर है। देश का टोल राजस्व, फिलहाल प्रति वर्ष 34,000 करोड़ रुपये है, वह वर्ष 2025 तक प्रतिवर्ष 1.34 लाख करोड़ रुपये को छू जाएगा।
लेटेस्ट न्यूज़