वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा, थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में लिए 0.27 प्रतिशत (अस्थायी) रही।’’ थोक मुद्रास्फीति जनवरी 2023 में 4.8 प्रतिशत थी।
WPI Inflation: अक्टूबर में थोक महंगाई दर कम होकर -0.52 प्रतिशत पर रही है। सितंबर में ये -0.26 प्रतिशत पर थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य वस्तुओं, ऊर्जा के दाम में उतार-चढ़ाव तथा भू-राजनीतिक तनाव बने रहने तथा मौसम संबंधित अनिश्चितताओं के कारण मुद्रास्फीति को लेकर जोखिम बना हुआ है।
खाद्य, ईंधन एवं विनिर्मित उत्पादों की कीमतें कम होने से जून में थोक मुद्रास्फीति की दर में गिरावट आई। ईंधन एवं बिजली खंड की मुद्रास्फीति जून में 12.63 प्रतिशत घट गई।
WPI Inflation May: भारत तरक्की के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है। मई महीने में थोक महंगाई में गिरावट देखने को मिली है।
Inflation RBI: भारत में अच्छे दिन के संकेत नजर आने लगे हैं। RBI के एक फैसले ने देश में महंगाई को कम करने का काम किया है। इस बार के रिपोर्ट में पिछले 34 महीने का रिकॉर्ड टूट गया है।
Inflation WPI News: भारती की तरक्की जिस रफ्तार से बढ़ रही है, वह सराहनीय है। वैश्विक मंदी के बीच महंगाई पर काबू पाने में देश को एक और सफलता मिली है। थोक महंगाई दर में कमी आई है।
हालांकि, खाद्य पदार्थों में मुद्रास्फीति बढ़कर 3.81 फीसदी हो गई। वहीं फरवरी में मुद्रास्फीति 2.38 प्रतिशत थी।
समीक्षाधीन महीने में दालों की महंगाई 2.41 प्रतिशत थी, जबकि सब्जियां 26.48 प्रतिशत सस्ती हुईं। तिलहन की मुद्रास्फीति जनवरी, 2023 में 4.22 प्रतिशत घटी।
WPI Inflation: थोक महंगाई दर में थोड़ी राहत मिली, जून में 15.18% से घटकर जुलाई में 13.93% पर आई WPI Inflation some relief in wholesale price index, rate down from 15.18% in June to 13.93% in July
आंकड़ों के मुताबिक, खाने-पीने की चीजों वाला थोक महंगाई 3.06 फीसदी से बढ़कर 6.70 फीसदी हो गई है।
थोक कीमतों पर आधारिक महंगाई दर अगस्त में 11.39 प्रतिशत थी, जबकि सितंबर 2020 में थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर 1.32 फीसदी थी।
मासिक डब्ल्यूपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर मई 2021 (मई, 2020 के मुकाबले) में बढ़कर 12.94 प्रतिशत हो गई, जो मई 2020 में ऋणात्मक 3.37 प्रतिशत थी।
मार्च 2021 में डब्ल्यूपीआई मंहगाई दर 7.39 प्रतिशत और अप्रैल 2020 में ऋणात्मक 1.57 प्रतिशत थी। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मंहगाई दर में लगातार चौथे महीने तेजी हुई है।
मार्च में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 3.24 प्रतिशत रही और इस दौरान दालों, फलों तथा धान की कीमतों में कमी हुई।
थोक महंगाई दर मे जनवरी के दौरान दिसंबर के मुकाबले 1.77 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। खादय् पदाथों की कीमतों में 2.99 प्रतिशत और गैर खाद्य पदाथों की कीमत में 0.43 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है
खाने-पीने की वस्तुओं की थोक कीमत नवंबर में 3.94 प्रतिशत बढ़ी, जबकि इससे पिछले महीने यह आंकड़ा 6.37 प्रतिशत था।
माह के दौरान सब्जियों और आलू में कीमत वृद्धि सबसे ज्यादा क्रमश: 25.23 प्रतिशत और 107.70 प्रतिशत रही। गैर-खाद्य पदार्थों और खनिजों में मुद्रास्फीति भी क्रमश: 2.85 प्रतिशत और 9.11 प्रतिशत रही।
सितंबर में सब्जियों की महंगाई दर सबसे उच्च स्तर 36.54 प्रतिशत रही। इस दौरान आलू की कीमत एक साल पहले की तुलना में 107.63 प्रतिशत बढ़ी है।
अगस्त के दौरान खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति 3.84 प्रतिशत रही। आलू की कीमतों में 82.93 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
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