राजधानी नई दिल्ली स्थित जवहार लाल नेहरू विश्वविद्यायल के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार राजनीति में कदम रख चुके हैं। कन्हैया कुमार सुर्खियों में जेएनयू में हुए कथित देश विरोधी नारेबाजी प्रकरण के वक्त आए। जनवरी 1987 को बिहार के बेगूसराय के एक बेहद गरीब परिवार में जन्में कन्हैया कुमार ने कुमार एक बेहतरीन वक्ता के रूप में पहचाने जाते हैं। प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद कन्हैया कुमार ने पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दाखिला लिया और फिर नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद जेएनयू में अफ्रीकन स्टडीज के लिए पीएचडी के लिए एडमिशन ले लिया। कॉलेज के दिनों में AISF से जुड़ने वाले कन्हैया कुमार साल 2015 में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष बने। फरवरी 2016 में कन्हैया पर राष्ट्रविरोधी नारे लगाने के आरोप में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया, जिसके बा दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। हालांकि मार्च 2016 में उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया। अपनी बेहतरीन भाषण शैली के लिए पहचाने जाने वाले कन्हैया कुमार कई मंचों पर अपने भाषण देने की कला से धुरधरों के पसीन छुटा चुके हैं। उनके कई करीबियों का मानना है कि वो जेएनयू छात्र संघ चुनाव भी अपनी भाषण शैली की वजह से ही जीते।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, कन्हैया कुमार के करीबी लोगों को कहना है कि वो सीपीआई में घुटन महसूस कर रहे थे। उन्होंने मंगलवार को राहुल गांधी से मुलाकात की और दोनों के बीच में कांग्रेस में एंट्री को लेकर बातचीत हुई।
कन्हैया कुमार के जदयू में शामिल होने की अटकलें तेज हैं लेकिन जदयू नेता अजय आलोक ने कन्हैया कुमार की विचारधारा को JDU की विचारधारा से अलग करार दिया।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार की नागरिकता समाप्त करने की मांग को लेकर दायर याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शनिवार को खारिज कर दिया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर बड़ा हमला बोला है।
कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने को लेकर दिल्ली सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कन्हैया कुमार ने गुरुवार को पटना में कहा कि आज सरकार कन्हैया और कमरान को लड़ाना चाहती है।
दिल्ली पुलिस ने फिर अरविंद केजरीवाल सरकार से कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह का केस चलाने के लिए अनुमति मांगी है।
भाकपा नेता कन्हैया कुमार के काफिले पर शुक्रवार को एक भीड़ ने हमला कर दिया और जिस वाहन में वह यात्रा कर रहे थे उसे बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। हमले में कई लोग घायल भी हुए हैं।
बिहार के सारण जिले में शनिवार को भाकपा (CPI) नेता कन्हैया कुमार के काफिले पर पथराव किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह घटना उस वक्त हुई, जब काफिला कोपा बाजार में छपरा-सीवान मुख्य मार्ग से गुजर रहा था।
उत्तरी 24 परगना जिले के टीटागढ़ इलाके में बृहस्पतिवार को पुलिस ने भाकपा नेता कन्हैया कुमार के खिलाफ भड़काऊ पोस्टर लिए हाथ में लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) देशद्रोह मामले में मंजूरी में देरी से संबंधित एक याचिका का निपटारा कर दिया।
दिल्ली पुलिस ने यहां एक अदालत के समक्ष कहा कि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी अब तक दिल्ली सरकार के गृह विभाग द्वारा नहीं मिल पाई है।
दिल्ली सरकार ने 2016 के जेएनयू राष्ट्रद्रोह मामले में कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ अभियोग के लिए मंजूरी को लेकर अभी कोई फैसला नहीं किया है।
लोकसभा चुनावों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर बिहार के बेगूसराय से ताल ठोकने वाले कन्हैया कुमार को पार्टी ने अहम जिम्मेदारी दी है।
चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों को इलाज मुहैया कर रहे यहां स्थित श्री कृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को घुसने की इजाजत नहीं दी गई
Begusarai Lok Sabha Chunav Result 2019: मौजूदा लोक सभा चुनाव में बेगूसराय बिहार की सबसे चर्चित सीट रही है। जवाहर लाल नेहरू छात्र संघ के अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार को हरा कर गिरिराज सिंह जीत गए है।
बेगूसराय में इसबार त्रिकोणीय मुकाबला है। यहां भाजपा से गिरिराज सिंह चुनाव, सीपीआई के कन्हैया कुमार और राजद के तनवीर हसन चुनाव मैदान में हैं।
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एवं बिहार के बेगूसराय लोकसभा सीट से सीपीआई प्रत्याशी कन्हैया कुमार कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के लिए भोपाल लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार करेंगे।
तो क्या इसी कसौटी पर कन्हैया और उनके कार्यकर्ताओं के कारनामे को नहीं कसा जाना चाहिए? या फिर तब काले झण्डे का समर्थन करने वाले अब इसलिए ख़ामोश हैं कि इस बार मामला कन्हैया का है। क्या लोकतांत्रिक प्रक्रिया व्यक्ति और पार्टी देखकर लागू होगी?
कन्हैया कुमार ने लोकसभा चुनाव के लिए क्राउड फंडिंग से सबसे ज्यादा 70 लाख रुपये की रकम जुटाई है, जबकि दूसरे स्थान पर पूर्वी दिल्ली से आम आदमी पार्टी प्रत्याशी आतिशी हैं
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