Tuesday, April 30, 2024
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इस विधि के साथ करें महालक्ष्मी व्रत का समापन,धन-दौलत से भर जाएगी तिजोरी, घर में बना रहेगा मां लक्ष्मी का वास

Mahalakshmi Vrat 2023: महालक्ष्मी व्रत का समापन विधि-विधान के साथ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इस विधि के साथ महालक्ष्मी व्रत की पूजा करें।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Vineeta Mandal Updated on: October 04, 2023 14:31 IST
Mahalakshmi Vrat 2023 - India TV Hindi
Image Source : FILE IMAGE Mahalakshmi Vrat 2023

Mahalakshmi Vrat 2023 End Date: 6 अक्टूबर को महालक्ष्मी व्रत का समापन हो रहा है। ऐसे में इस दिन विधि-विधान के साथ महालक्ष्मी व्रत का समापन करने से घर-परिवार पर माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। धन-धान्य से घर का भंडार हमेशा भरा रहता है। बता दें कि सोलह दिवसीय महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत 23 सितंबर 2023 से हुई थी। हर साल महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होती है, जो कि आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक रहती है। तो चलिए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं महालक्ष्मी व्रत समापन विधि और उपाय के बारे में।

महालक्ष्मी व्रत पूजा सामग्री

पूजा के लिए दो सूप, 16 मिट्टी के दिए, प्रसाद के लिए सफेद बर्फी, फूल माला, तारों को अर्घ्य देने के लिए यथेष्ट पात्र, 16 गांठ वाला लाल धागा और 16 चीजें, हर चीज सोलह की गिनती में होनी चाहिए। जैसे 16 लौंग, 16 इलायची या 16 सुहाग के सामान आदि।

महालक्ष्मी व्रत समापन विधि

1. शाम को पूजा के लिए सबसे पहले अपने हाथ में वही 16 गांठों वाला लाल धागा बांध लें, जो आपने व्रत के पहले दिन बांधा था। फिर माता महालक्ष्मी के आगे 16 देसी घी के दीपक जलायें और धूपदीप से देवी मां की पूजा करें। 

साथ ही फूल चढ़ाइए, लेकिन ध्यान रहे देवी मां को कभी भी हरसिंगार का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। महालक्ष्मी की पूजा में हरसिंगार का फूल निषिद्ध है। 

2. इसके बाद एक सूप में सोलह चीजें सोलह-सोलह की संख्या में रखकर उसे दूसरे सूप से ढंक दें और उसे माता के निमित्त दान करने का संकल्प करें। संकल्प के लिए ये मंत्र पढ़ें- क्षीरोदार्णव सम्भूता लक्ष्मीश्चन्द्र सहोदरा। हे क्षीर सागर से उत्पन्न चंद्रमा की सगी बहन माता महालक्ष्मी मैं यह सब कुछ आपके निमित्त दान कर रहा हूं। इस प्रकार संकल्प लेकर उस सूप को वहीं रखा रहने दें। अब दीपक में ज्योति जलाकर माता महालक्ष्मी के मंत्र का जाप कीजिए। मंत्र इस प्रकार है- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।

3. आप पूजा शुरू करने से पहले ही इस मंत्र का अपनी इच्छानुसार संख्या में संकल्प लेकर रखिए। फिर जैसा आपने संकल्प किया हो, उसके हिसाब से मंत्र जप कीजिए। जप के बाद माता महालक्ष्मी की आरती कीजिये और उन्हें सफेद मिठाई का भोग लगाइए। इस प्रकार पूजा आदि के बाद तारों को जल से अर्घ्य दीजिये और आरती कीजिए।

4. इसके बाद अगर आप विवाहित हैं तो अपने जीवनसाथी का हाथ पकड़कर, अन्यथा स्वयं ही तीन बार उत्तर दिशा की ओर मुंह करके पुकारिए-  माता महालक्ष्मी मेरे घर आ जाओ,  हे माता महालक्ष्मी मेरे घर आओ,हे माता महालक्ष्मी मेरे घर आ जाओ।  इसके बाद जो व्रती हैं  अपने लिए और माता महालक्ष्मी के लिए अलग-अलग थाली में भोजन निकालिए। 

5. अगर आप विवाहित हैं और आपने जोड़े में ये व्रत किया है तो देवी मां और अपने साथ-साथ अपने जीवनसाथी के लिए भी थाली में भोजन निकालिए। साथ ही हो सके तो माता महालक्ष्मी के लिए चांदी की थाली में भोजन निकालकर रखिए।
भोजन करने के बाद अपनी थालियां उठा लें लेकिन माता की थाली को, किसी दूसरी थाली से ढक्कर वहीं पर रखा छोड़ दें। 

6. अगले दिन सुबह माता के लिए निकाली थाली का भोजन किसी गाय को खिला दें और सूप में रखा हुआ दान का सामान किसी लक्ष्मी मंदिर में दान कर दें। इसके अलावा 16 गांठों वाले धागे को अपनी तिजोरी में संभाल कर रख लें। इस धागे को अपने पास रखने से आपके घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होगी और आपके घर की सुख-समृद्धि बनी रहेगी। 

महालक्ष्मी व्रत समापन के दिन करें ये उपाय

  • अगर आप महालक्ष्मी की कृपा से अपनी धन-संपदा में बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो उत्तर दिशा की ओर मुंह करके कनकधारा स्त्रोत पढ़ते हुए दूध की धारा से लक्ष्मी मां का अभिषेक कीजिए। यदि आपको कनकधारा स्त्रोत याद न हो और आपके पास उसे पढ़ने के लिए कोई पुस्तक भी न हो तो माता महालक्ष्मी का नाम लेते हुए, उनका सुंदर ध्यान करते हुए, दुग्धधारा से लक्ष्मी जी का अभिषेक कीजिए। लेकिन अगर आपके घर में लक्ष्मी जी की ऐसी मूर्ति ना हो जिसका अभिषेक किया जा सके तो आप लक्ष्मी जी की मूर्ति के सामने एक साफ बर्तन रखिए और लक्ष्मी जी को देखते हुए इस भाव से कि आप उनका अभिषेक कर रहे हैं उस बर्तन में दुग्धधारा अर्पित कीजिए। बाद में उस थाली के दूध को तुलसी के पौधे में डाल दीजिए।
  •  अगर आप दिमागी रूप से मेहनत वाले कार्य करते हैं आप कोई बिजनेस करते हैं या कम्प्यूटर से रिलेटिड कोई काम करते हैं तो अपने कामों में सफलता पाने के लिए देवी मां को कमल का फूल या कोई अन्य लाल फूल चढ़ाएं।
  •  अगर आप स्पोर्ट्स के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं तो आज आप देवी मां को तेज पत्ता चढ़ाइए। साथ ही देवी को कत्था युक्त पान का भोग लगाइए।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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