दिल्ली वालों को पिछले कुछ समय से खराब हवा में ही अपनी जिंदगी बसर करनी पड़ रही है और आगे भी इससे राहत मिलने की कुछ खास उम्मीद नहीं है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में बारिश के चलते बृहस्पतिवार को सुधार होने के बाद शुक्रवार को यह फिर से ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई।
दिल्ली में शुक्रवार सुबह ठंड रही। इसके साथ वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई।
भारत में पिछले साल तंबाकू के इस्तेमाल के मुकाबले वायु प्रदूषण से लोग अधिक बीमार हुए और इसके चलते प्रत्येक आठ में से एक व्यक्ति ने अपनी जान गंवाई। बृहस्पतिवार को एक अध्ययन में ऐसा कहा गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 298 रहा जो खराब की श्रेणी में आता है। हालांकि, PM 2.5 और PM 10 पहले जिनता ही रहा।
किसी का घाटा, किसी का मुनाफा! कारोबार में तो यही चलता है, किसी एक के घाटे से किसी दूसरे का मुनाफा जुड़ा होता है। लेकिन, क्या हवा में बढ़ते प्रदूषण से भी किसी को फायदा हो सकता है?
पिछले कुछ दिनों से अपेक्षाकृत सुधरी हुई दिख रही दिल्ली की हवा एक बार फिर जहरीली होती जा रही है।
वायु प्रदूषण और फेफड़ों के कैंसर के परस्पर संबंध के बारे में दशकों से जानकारी है। विज्ञान ने यह साबित किया है कि वायु प्रदूषण कैंसर के जोखिम को कई गुना बढ़ाता है
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा कि उसकी अधिकृत सोशल मीडिया साइट पर दिल्ली में वायु प्रदूषण के बारे में मिली करीब 250 शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करने वाले सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाये।
दिल्ली में हवा की गति में वृद्धि से वायु गुणवत्ता में सुधार आने के बाद भी यह ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है।
स्कॉटलैंड स्थित स्टर्लिग विश्वविद्यालय के शोधार्थियों की टीम कैंसर की मरीज एक महिला के संबंध में किए गए अध्ययन-विश्लेषण के बाद इस नतीजे पर पहुंची कि यातायात से दूषित वायु स्तन कैंसर का का कारण बन सकती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि पॉल्यूशन के कारण भी डायबिटीज होती है। जहरीली हवा खासतौर पर छोटे छोटे बच्चों को डायबिटिक बना रही है।
ओपीडी को हम 'कालादमा' भी कहते है। इसमें फेफड़े में एक काली तार बन जाती है। यह अस्थमा के दमा से अलग होता है। अस्थमा एलर्जी प्रकार का रोग होता है जोकि वंशानुगत और पर्यावरण कारकों के मेल द्वारा होता है।
दिल्ली में हवा की गति मंद रहने के चलते बुधवार को वायु की गुणवत्ता ‘‘बहुत खराब’’ श्रेणी में रही, जबकि चार इलाकों में प्रदूषण का स्तर ’गंभीर’ श्रेणी का दर्ज किया गया।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को प्रदूषण का स्तर 'बेहद खराब' दर्ज किया गया। हवा की खराब स्थिति को देखते हुए मौसम विभाग ने कहा है कि यह सुबह की सैर और जॉगिंग के लिए ठीक नहीं है।
यह हमेशा धूम्रपान करने वालों लोगों को होता है लेकिन अब ये स्मोकिंग न करने वालों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है। कई मामले ऐसे सामने आ रहे है जिन्होंने लाइफ में कभी स्मोकिंग नहीं की है। जानें इस बीमारी के बारें में सबकुछ।
मोदी ने कहा, यह एक्सप्रेसवे यूपीए शासन के दौरान आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले ही बन जाना चाहिए था, लेकिन देरी की वजह इस परियोजना की लागत इसके अनुमानित लागत से तीन गुना बढ़ गई।
हर साल की तरह इस साल भी दिवाली के बाद एयर पोल्यूशन बढ जाती है। ठंड आते ही हवाओं में स्मोग बढ़ जाती है ये हमारे शरीर से लेकर बाल, स्किन, आंख आदि सभी लिए काफी खतरनाक होती है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बारिश के बाद प्रदूषण से मिली कुछ राहत के बाद शहर की वायु गणवत्ता फिर से बिगड़कर ‘खराब’ और ‘अत्यंत खराब’ श्रेणी के बीच पहुंच गई है।
मेट्रो रेस्पिरेटरी सेंटर के डायरेक्टर एवं चेयरमैनदेश एवं पल्मोनोलॉजिस्ट, डॉ. दीपक तलवार, ने दिल्ली एनसीआर में खतरनाक प्रदूषण स्तर के मद्देनजर सभी अस्थमा रोगियों को अस्थमा के दौरों के बारे में आगाह किया है।
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