Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है। लेकिन इससे पहले यात्रा को लेकर को लेकर आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने धमकी भरा पत्र जारी किया है। पत्र में आंतकी संगठन की ओर से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधा गया है। संगठन का कहना है कि वे यात्रा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन तीर्थयात्री तब तक सुरक्षित हैं जब तक कि वे कश्मीर मुद्दे में शामिल नहीं होंगे।
यात्रा के लिए तैयारियां अप्रैल के महीने से ही शुरू की गयी हैं और रास्ते पर बर्फ हटाने का काम शुरू हो गया है।
श्रद्धालु अपने नाम से वर्चुअल पूजा, वर्चुअल हवन और प्रसाद बुकिंग श्राइन बोर्ड के लिंक पर जाकर करवा सकते हैं- https://jksasb.nic.in/online_service.aspx या फिर Shri Amarnathji Yatra मोबाइल एप से कर सकते हैं। ये एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।
अमरनाथ गुफा की ताजा तस्वीरें सामने आई हैं। आगे इस खबर में आप बाबा बर्फानी की तस्वीरें देख सकते हैं।
दक्षिणी कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा की वार्षिक यात्रा बृहस्पतिवार को सामान्य ढंग से संपन्न हो गयी और प्राकृतिक रूप से बर्फ से बने शिवलिंग की इस वर्ष लगभग 3.39 लाख लोगों ने पूजा-अर्चना की।
दिग्विजय सिंह ने शनिवार को कहा कि कश्मीर घाटी की संवेदनशीलता पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बहुत सोच समझकर काम करना चाहिए तथा उसने वहां यदि जबरदस्ती करने की कोशिश की तो इससे देश को काफी नुकसान होने की संभावना है।
जम्मू-कश्मीर में बने हालात के मद्देनजर अमरनाथ यात्रा रद्द कर दी गई है। अब वहां फसे श्रद्धलुओं को भारतीय वायु सेना के विमानों C-17 और IL 76 के जरिए एयरलिफ्ट किया जाएगा।
अमरनाथ यात्रा के दौरान पिछले 24 घंटों में चार तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। इस साल अमरनाथ यात्रा के दौरान मरने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 26 तक पहुंच गई है।
भोलेनाथ की भक्ती इस कदर श्रद्धालुओं के सिर चढ़कर बोल रही है कि इस साल 22 दिनों के भीतर ही 2.85 लाख श्रद्धालुओं ने अमरनाथ गुफा के दर्शन कर लिए। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम तक 2.85 लाख लोग बर्फानी बाबा के दर्शन कर चुके थे। 46 दिवसीय यह वार्षिक यात्रा एक जून को शुरू हुई थी।
अमरनाथ यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है। सरकार ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पंथाचौक, एचएमटी, जकूरा में अतिरिक्त ट्रांजिट कैंप स्थापित किए हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि जिला प्रशासन के अधिकारियों ने पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों से यात्रा को रवाना किया। उन्होंने बताया कि यात्रा के पहले दिन 8,403 श्रद्धालुओं ने गुफा मंदिर में पूजा अर्चना की। प्रवक्ता ने बताया, ‘‘यह यात्रा बालटाल और पहलगाम दोनो मार्गों से सोमवार को शुरू हुई।
अधिकारियों ने सुरक्षा योजना के बारे में बताते हुए कहा कि सीआरपीएफ कर्मियों का एक विशेष मोटरसाइकिल दस्ता होगा जो काफिलों के साथ चलेगा और उनकी हेलमेट पर कैमरे लगे होंगे। इसे पिछले वर्ष शुरू किया गया था। इसके साथ ही राजमार्ग सहित दोनों मार्गों पर आधार शिविरों और संवेदनशील स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं।
अमरनाथ श्रद्धालुओं का पहला जत्था यहां कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार को रवाना होगा और इस संबंध में आवश्यक प्रबंध कर लिए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि अब तक देश भर से करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने 46 दिन चलने वाली यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है।
भारतीय रेलवे ने अमरनाथ जाने वाले यात्रियों को स्पेशल तोहफा दिया। जी हां रेलवे ने एक स्पेशल ट्रेन चलाने का ऐलान किया है। जो कि दिल्ली से चलेगी। इसकी शुरुआत भी 1 जुलाई से होगी।
कश्मीर के अलगाववादियों ने रविवार को कहा कि अमरनाथ तीर्थयात्रियों को घाटी में कोई खतरा नहीं है। उन्होंने राज्य में आनेवाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से किसी भी ‘झूठे प्रचार’ पर ध्यान नहीं देने की अपील की।
राज भवन के एक प्रवक्ता ने कहा कि कुमार ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्यपाल को तीर्थयात्रा के लिए की जा रहीं पुख्ता व्यवस्थाओं के संबंध में अवगत कराया। इनमें तीर्थयात्रियों के लिए रास्ते में दी जाने वाली सुविधाओं और सुरक्षा के विषय शामिल हैं।
60 दिवसीय अमरनाथ यात्रा रविवार को शांतिपूर्वक संपन्न हो गई। इस साल 2.85 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने इस गुफा शिवलिंग के दर्शन किए।
14 अगस्त और 15 अगस्त को पाकिस्तान और भारत के स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले घाटी में तनाव व्याप्त है।
अलगाववादियों के बंद के आह्वान के चलते प्रशासन ने रविवार को अमरनाथ यात्रा दो दिन के लिए रद्द करने का फैसला किया है।
संपादक की पसंद