नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, मंगलवार की सुबह 3:38 बजे पाकिस्तान की धरती भूकंप से कांप उठी। इसके अलावा भी कई जगहों पर भूकंप देखे गए जिस कारण लोग सहम गए हैं।
अभी तक दुनिया को कोरोना के प्रकोप से मुक्ति नहीं मिली है, इससे पहले अब चीन ने विश्व के लोगों को एक और टेंशन दे दी है। चीन में तेजी से फैल रहा निमोनिया का वायरल पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। वहीं दुनिया के प्रमुख संगठन इसका सक्रमण बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं।।
चीन में अचानक से एक रहस्यमयी बीमारी फेल गई है जिसके लक्षण निमोनिया जैसे हैं। यह बीमारी बच्चों को शिकार बना रही है। अब पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या यह निमोनिया है या कोविड का नया वेरिएंट। भारत सरकार इसे लेकर अलर्ट मोड में है।
फ्रांस ने चीन से अपने संबंधों को सुधारने की दिशा में पहल करनी शुरू कर दी है। फ्रांस की विदेश मंत्री कैथेरिन कोलोना ने चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग से बातचीत की है। फ्रांस ने वैश्विक समस्याओं और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर चीन को साथ आने का आह्वान किया है।
WHO ने चीन से देश के उत्तरी हिस्से में बच्चों को हो रहे अजीब रह के निमोनिया को लेकर मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए इस पर और जानकारी देने की अपील की थी।
चीन का रॉकेट चांद की सतह से टकराया था। लेकिन रॉकेट जिस जगह टकराया वहां कए की बजाय दो गड्ढे दिखाई दिए हैं। इस पर बड़े साइंटिस्ट ने दावा किया है कि चीन ने संभवत: यहां रॉकेट के साथ हथियार भी भेजा होगा।
भारत और मालदीव की दोस्ती से चीन घबराने लगा था। मालदीव सीमा क्षेत्र हिंद महासागर क्षेत्र में भारत चीन के खिलाफ खुद को रणनीतिक रूप से मजबूत करने के लिए जमीन तलाश चुका था। इसी बीच वर्ष 2023 में मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव होना था। चीन ने भारत विरोधी मोहम्मद मुइज्जू को सपोर्ट किया और वह चुनाव जीत गए।
Pneumonia In China: कोरोना महामारी के बाद अब चीन में एक रहस्यमयी निमोनिका के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। बच्चों को चपेट में लेने वाली इस बीमारी को खतरनाक माना जा रहा है। इस बीमारी के चलते चीन में कई स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं।
ब्रिक्स विकासशील देशों का बड़ा संगठन है। चीन अपनी चाल चलते हुए पाकिस्तान को भी इसमें शामिल कराना चाहता है ताकि वह इस संगठन में अपना दबदबा बढ़ा सके। वहीं भारत इस संगठन में पाकिस्तान को शामिल करने पर कड़ा ऐतराज जताता है।
चीन ने दुनिया भर के मुसलमानों को बड़ा झटका देते हुए देश भर में मस्जिदों को बंद करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। काफी लंबे समय से चीन इस प्रयास में था। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे इस्लाम पर प्रहार बताया है। अब तक किसी मुस्लिम देश ने चीन के इस कदम के खिलाफ कोई आवाज उठाने की हिम्मत नहीं दिखाई है।
पाकिस्तान, श्रीलंका, चीन, मालदीव, वर्मा, नेपाल जैसे छोटे-छोटे और निम्न आय वाले देशों को चीन ने षड्यंत्रपूर्वक अपना आर्थिक गुलाम बना लिया है। पहले उन्हें ऋण जाल के दुष्चक्र में फंसाया, फिर उनकी संपत्तियों पर अपना कब्जा जमाने लगा। इस पर संयुक्त राष्ट्र भी खामोश है, मगर भारत ने यूएन में चीन की इस मुद्दे पर हवा निकाल दी।
ऑस्ट्रेलिया के डिप्टी पीएम रिचर्ड मार्ल्स ने चीन पर आरोप लगाया है कि वह सोनार पल्स का इस्तेमाल कर रहा है। इससे उनके नौसैनिक गोताखोरों को चोटें आई हैं। जानिए क्या होता है सोनार पल्स कितना होता है घातक?
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पास एक ऐसी अनोखी कार है, जो दुनिया में किसी नेता के पास नहीं है। उनकी कार के कायल तो खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन हैं, जिन्होंने जिनपिंग की कार की तारीफ भी की। जानिए इस कार में ऐसा क्या है खास?
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बीजिंग में 5 इस्लामी मुल्कों के विदेश मंत्रियों का स्वागत करते हुए कहा कि उनके देश ने हमेशा फिलिस्तीनी लोगों का दृढ़ता से समर्थन किया है।
चीन और ऑस्ट्रेलिया में तनातनी जगजाहिर है। प्रशांत महासागर में चीन अपने दबदबा रखने की कोशिश में लगा रहता है। वहीं ऑस्ट्रेलिया इसका लगातार विरोध करता है। जानिए ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बनीज ने चीन की क्यों आलोचना की?
चीनी पुरातत्विदों ने कमाल करते हुए 16 करोड़ साल पुराने जीवाश्मों से लैंप्रे की दो नई प्रजातियों की खोज की है। मछली की इन प्रजातियों से डायनासौर युग के कई रहस्य उजागर हो सकेंगे।
मालदीव में चुनाव के दौरान ही मोहम्मद मुइज्जू ने ऐलान कर दिया था कि यदि उनकी सरकार बनती है तो वह भारतीय सैनिकों को अपने देश से बाहर निकाल देंगे। मुइज्जू का चीन की ओर झुकाव ज्यादा है। लिहाजा राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के 24 घंटे के अंदर ही उन्होंने भारत से अपने सैनिकों को वापस बुलाने को कहा है।
सैन फ्रांसिस्को में अमेरिका-चीन सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जरूरत से ज्यादा आवभगत किए जाने पर एक अमेरिकी सांसद भड़क उठे हैं। सांसद क्रिस स्मिथ ने कहा कि चीन उइगर मुसलमानों समेत अन्य के मानवाधिकार हनन का दोषी है और दूसरे देशों की जमीन हड़पता है। दमनकारी को ऐसी आवभगत क्यों दी गई?
सैन फ्रांसिस्को में 15 नवंबर को हुए अमेरिका-चीन सम्मेलन के बाद अचानक तिब्बत का मुद्दा भी उछल गया है। अमेरिका से इस मुद्दे पर एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने चीन पर दबाव बनाने की मांग की है। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को इस मुद्दे को समाधान कराने का उनका पुराना वादा भी याद दिलाया है।
अमेरिका-चीन सम्मेलन भले ही दोनों देशों के बीच कड़वाहट भरे रिश्तों में मिठास पैदा करने के प्रयास के तहत किया गया हो। बावजूद दोनों देशों के पूर्व रुख में खास बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। सम्मेलन के अगले ही दिन बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति को तानाशाह कहा और अब एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि जो चीन को पसंद न हो वही बात कहेंगे।
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