कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को लेकर एक फोटो ट्वीट की थी जिस पर बीजेपी ने आरोप लगाया है कि ये फोटो सही नहीं है।
राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसानों की ‘महापंचायत’ के बाद सोमवार को आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि ‘भारत का भाग्य विधाता’ डटा हुआ है और निडर है।
राकेश टिकैत ने कहा कि हम यूपी की जनता से अपनी बात कहेंगे। हम जनता को अपनी मुद्दे बताएंगे। हम ये बताएंगे कि देश बिक रहा है। हम जनता के बीच में जाएंगे, इस तरह की मीटिंग्स करेंगे।
किसान महापंचायत का एजेंडा पूरी तरह से साफ हो गया है। इस महापंचायत में शामिल लेफ्ट नेता हन्नान मुल्ला ने कहा है कि उनका मकसद मोदी और योगी सरकार को हराना है।
किसान महापंचायत से पहले बीकेयू के नेता राकेश टिकैत का बयान आया है। उन्होंने कहा कि देश बिक रहा है, ऐसे में उसे बचाने की रणनीति पर आज चर्चा होगी।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के महासचिव और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान मोर्चा के सदस्य युद्धवीर सिंह ने कहा कि किसान महापंचायत में केंद्रीय कृषि कानून, गन्ना समर्थन मूल्य और बिजली आपूर्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
किसानों ने चंडीगढ़ प्रेस क्लब के पास हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खिलाफ जमकर नारेबाजी की साथ ही किसान बहुत गुस्से में दिखे
राकेश टिकैत ने किसानों के प्रदर्शन पर लाठीचार्ज को लेकर कहा कि जिसने सिर फोड़ने का आदेश दिया वो तालिबान कमांडर है और पुलिस की ताकत से सरकार इस देश पर कब्जा करना चाहती है।
खट्टर ने कहा, ‘‘अगर उन्हें विरोध प्रदर्शन ही करना था तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहिए था, इस पर किसी को आपत्ति नहीं होती। पहले उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आश्वासन दिया था। लेकिन अगर वे पुलिस पर पथराव करेंगे, राजमार्ग अवरुद्ध करेंगे तो पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम तो उठाएगी।’’
मिश्र ने बलिया जिले के नगरा क्षेत्र में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से कोई भी केंद्र सरकार किसानों के हितों को लेकर संजीदा नहीं रही है और किसी ने भी किसानों की नहीं सुनी।
गन्ने के ज्यादा सरकारी भाव की मांग में किसानों ने जालंधर कैंट के पास चेहरू स्टेशन पर 20 अगस्त से ट्रैक पर धरना दिया हुआ है, धरने की वजह से 20 अगस्त को 13, 21 अगस्त को 61, 22 अगस्त को 59 तथा 23 अगस्त को 65 गाड़ियां रद्द कर दी गई थी।
सिद्धू के ट्वीट को हथियार बनाते हुए भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा इकाई ने लिखा है, 'सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं'
राकेश टिकैट ने कहा कि किसानों को बर्बाद करने के लिए बिना मांगे ये कृषि कानून देश के किसानों पर थोप दिए गए हैं, जिससे किसान पहले कर्ज में डूबेगा, फिर धीरे-धीरे पूंजीपति किसानों से उनकी जमीन हड़पने का काम करेंगे।
किसान कानूनों के विरोध में सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्रैक्टर मार्च निकाला। राहुल गांधी ने खुद ट्रैक्टर चलाया और ट्रैक्टर लेकर संसद भवन पहुंचे।
देश ने देखा है कि ये कृषि कानून फायदेमंद हैं और किसानों के पक्ष में हैं। हमने इन कानूनों के बारे में चर्चा की है। यदि वे बिंदुवार कानूनों के साथ अपने मुद्दों को व्यक्त करते हैं, तो हम इस पर चर्चा कर सकते हैं: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
प्रारंभिक प्रतिरोध के बाद, पुलिस किसानों को विरोध स्थल तक ले जाने से पहले उनकी संख्या गिनने के लिए एक रिसॉर्ट के अंदर ले गई। शर्तों के अनुसार प्रतिदिन केवल 206 की अनुमति है।
पिछले नवंबर से तीन केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान आज राष्ट्रीय राजधानी के जंतर मंतर पर किसान संसद शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि संसद सत्र के दौरान हर दिन 200 के समूहों में आंदोलन किया जाएगा।
नए कृषि कानूनों के विरोध में आज से किसान जंतर-मंतर पर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे। आज दिल्ली छावनी में तब्दील है। यहां चप्पे चप्पे पर सख्त पहरा है, पुलिस भी है और पैरामिलिट्री फोर्स भी।
केंद्र के 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान गुरुवार से जंतर-मंतर पर भारी सुरक्षा के बीच आंदोलन शुरू करेंगे। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 9 अगस्त तक अधिकतम 200 किसानों द्वारा प्रदर्शन की विशेष अनुमति दे दी है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि 200 किसानों का एक समूह पुलिस की सुरक्षा के साथ बसों में सिंघू सीमा से जंतर-मंतर आएगा और वहां पूर्वाह्न 11 बजे से शाम 5 बजे तक विरोध प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) को एक शपथपत्र देने के लिए कहा गया है कि सभी कोविड मानदंडों का पालन किया जाएगा और आंदोलन शांतिपूर्ण होगा।
किसान संगठनों ने संसद का घेराव करने की योजना बनाई थी लेकिन किसान यूनियन के एक नेता ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि किसान कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे और कोई भी प्रदर्शनकारी संसद नहीं जाएगा।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़