रेलवे ट्रैक पर किसान बैठ गए हैं। इसकी वजह से 1216 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। रेलवे के अनुसार, 550 से ज्यादा ट्रेनों को कैंसिल करना पड़ा है।
किसान संगठनों ने अपने 3 साथियों की रिहाई की मांग को लेकर रेल की पटरियों पर धरना दे दिया जिसके चलते कई ट्रेनें रद्द हो गईं और यात्रियों को रामनवमी के दिन परेशानियों का सामना करना पड़ा।
किसान नेताओं ने सबूत के तौर पर वीडियो दिखाते हुए कहा कि 13, 14 और 21 फरवरी को हरियाणा पुलिस की तरफ से खनौरी व शम्भू बोर्डर पर गोलियां, छर्रे व जहरीली गैसों का इस्तेमाल किया गया।
हाई कोर्ट ने खनौरी सीमा पर पिछले माह प्रदर्शनकारी किसानों और हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के दौरान शुभकरण सिंह की मौत के मामले में न्यायिक जांच का आदेश दिया है।
पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर मारे गए युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी। इस मामले में अब पंजाब पुलिस ने पहले दर्ज की गई FIR काट दी है और अब अज्ञात के खिलाफ नया मामला दर्ज किया है।
राज्य के कैथल, कुरूक्षेत्र, अंबाला, सिरसा, फतेहाबाद, जींद और हिसार में इंटरनेट दोबारा शुरू कर दिया गया है। इन जिलों में 13 फरवरी से किसान आंदोलन के चलते इंटरनेट बंद था।
पंजाब से प्रदर्शनकारी किसानों ने फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी तथा कृषि ऋण माफी समेत अपनी मांगों पर दबाव डालने के लिए अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया था। हजारों किसान दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर अंबाला के समीप पंजाब-हरियाणा सीमा पर डेरा डाले हुए हैं क्योंकि सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया।
हरियाणा के आईजी सिबाश कबिराज ने शुक्रवार को कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि अंबाला के कुछ नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) लगाने के मामले पर पुनर्विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि इसे लागू नहीं किया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) आज काला दिवस मना रहा है। एसकेएम ने कहा है कि किसान 26 फरवरी को सभी राजमार्गों पर ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और 14 मार्च को दिल्ली में महापंचायत करेंगे।
पंढेर ने कहा कि किसान खनौरी सीमा पर घटनाक्रम की समीक्षा करेंगे, जहां हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प के बाद एक किसान की मौत हो गई।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, शंभू बॉर्डर पर अभी किसानो की संख्या 10 से 12 हजार के बीच है। शंभू बॉर्डर पर 25 हजार किसानों को रोकने के लिए पुलिस और पैरामिल्ट्री फोर्स ने पूरे इंतजाम कर लिए हैं।
पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर आज पूरा दिन प्रदर्शन से भरा रहा। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। उन्होंने कहा है कि अगले दो दिनों के लिए किसानों का दिल्ली मार्च स्थगित रहेगा।
हरियाणा पुलिस ने किसानों द्वारा जवानों पर बड़ा हमला करने का दावा किया है। इस घटना में लगभग 12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियो से शांति की अपील की है।
राकेश टिकैत ने सरकार द्वारा दिल्ली जा रहे किसानों को रोकने के लिए रास्ते में कीलें बिछवाये जाने से जुड़े सवाल के जवाब में कहा, रास्ते में कीलें बिछाना किसी भी स्थिति में उचित नहीं है। वे अगर हमारे लिए कील लगाएंगे तो हम भी अपने गांव में कील लगा देंगे।
हरियाणा के डीजीपी ने पंजाब के डीजीपी को पत्र लिखकर कहा है कि जेसीबी और पोकलेन समेत तमाम तरह की मशीनें शंभू बॉर्डर और खनोरी बॉर्डर तक नहीं पहुंचनी चाहिए। इसे तुरंत मौके से हटाया जाए।
सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमें रोकने के लिए हरियाणा के गांवों में अर्धसैनिक बल तैनात हैं। हमने कौन सा अपराध किया है? ऐसी सरकार को देश माफ नहीं करेगा।
किसान आज फिर से दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे हैं। आंदोलनकारी किसान आज सुबह 11 बजे शंभू बॉर्डर से रवाना होंगे। वहीं, सरकार ने शांति और बातचीत करने की अपील की है।
21 फरवरी को नोएडा में घर से निकलने से पहले ट्रैफिक एडवाइजरी जरूर पढ़ें क्योंकि भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के पैदल मार्च की वजह से कई रास्तों को बंद किया गया है और कई रास्तों को डायवर्ट किया गया है।
प्रदर्शनकारी किसानों के मामले को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट ने किसानों को कड़ी फटकार लगाई है। साथ ही पंजाब सरकार से भी यह सुनिश्चित करने को कहा कि लोग कहीं भी बड़ी संख्या में एकत्र न हों।
हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद पाया गया कि अंबाला, कैथल, जींद, हिसार, सिरसा, कुरुक्षेत्र और फतेहाबाद में हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं।
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