राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसानों की ‘महापंचायत’ के बाद सोमवार को आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि ‘भारत का भाग्य विधाता’ डटा हुआ है और निडर है।
किसान महापंचायत का एजेंडा पूरी तरह से साफ हो गया है। इस महापंचायत में शामिल लेफ्ट नेता हन्नान मुल्ला ने कहा है कि उनका मकसद मोदी और योगी सरकार को हराना है।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के महासचिव और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान मोर्चा के सदस्य युद्धवीर सिंह ने कहा कि किसान महापंचायत में केंद्रीय कृषि कानून, गन्ना समर्थन मूल्य और बिजली आपूर्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
मिश्र ने बलिया जिले के नगरा क्षेत्र में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से कोई भी केंद्र सरकार किसानों के हितों को लेकर संजीदा नहीं रही है और किसी ने भी किसानों की नहीं सुनी।
गन्ने के ज्यादा सरकारी भाव की मांग में किसानों ने जालंधर कैंट के पास चेहरू स्टेशन पर 20 अगस्त से ट्रैक पर धरना दिया हुआ है, धरने की वजह से 20 अगस्त को 13, 21 अगस्त को 61, 22 अगस्त को 59 तथा 23 अगस्त को 65 गाड़ियां रद्द कर दी गई थी।
सिद्धू के ट्वीट को हथियार बनाते हुए भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा इकाई ने लिखा है, 'सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं'
राकेश टिकैट ने कहा कि किसानों को बर्बाद करने के लिए बिना मांगे ये कृषि कानून देश के किसानों पर थोप दिए गए हैं, जिससे किसान पहले कर्ज में डूबेगा, फिर धीरे-धीरे पूंजीपति किसानों से उनकी जमीन हड़पने का काम करेंगे।
किसान कानूनों के विरोध में सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्रैक्टर मार्च निकाला। राहुल गांधी ने खुद ट्रैक्टर चलाया और ट्रैक्टर लेकर संसद भवन पहुंचे।
नए कृषि कानूनों के विरोध में आज से किसान जंतर-मंतर पर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे। आज दिल्ली छावनी में तब्दील है। यहां चप्पे चप्पे पर सख्त पहरा है, पुलिस भी है और पैरामिलिट्री फोर्स भी।
किसान संगठनों ने संसद का घेराव करने की योजना बनाई थी लेकिन किसान यूनियन के एक नेता ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि किसान कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे और कोई भी प्रदर्शनकारी संसद नहीं जाएगा।
एमवीए सरकार में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं। पवार ने बृहस्पतिवार को कहा था कि महाराष्ट्र सरकार केंद्र द्वारा पिछले साल पारित किए गए कानूनों को राज्य में लागू करने से पहले उनमें संशोधन के पक्ष में है।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान शनिवार को विभिन्न राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंपकर इन कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करेंगे।
करीब सात महीने से दिल्ली के बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों के खिलाफ आवाज उठने लगी है। आज हरियाणा के शेरशाह गांव में 36 बिरादरी की महापंचायत हो रही है, ये महापंचायत किसानों के आंदोलन के विरोध में हो रही है।
गाज़ीपुर बॉर्डर पर ‘प्रोग्रेसिव मेडिकोस एवं साइंटिस्ट फ्रंट’ (पीएमएसएफ) के चिकित्सा शिविर में काम कर रहे अनिल भारतीय ने ‘भाषा’ से कहा, “ गाज़ीपुर में कोविड के मामले नहीं आए हैं। कुछ लोगों में लक्षण जरूर दिखे लेकिन लक्षण नियमित दवाई देने के बाद दो-तीन दिन में ठीक हो गए।”
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन जल्द खत्म करने से इनकार करते हुए कहा कि हम 2024 तक आंदोलन करते रहेंगे।
दिल्ली पुलिस ने लोगों से कोरोना वायरस संक्रमण से हालात और लागू लॉकडाउन के मद्देनजर इकट्ठे नहीं होने की अपील की है और कहा कि प्रदर्शन स्थल पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वह कड़ी नजर बनाए रखे है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की थी कि किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर 26 मई को ‘काला दिवस’ मनायेंगे। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदलों, समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) समेत 12 प्रमुख विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह उनके विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया था।
टिकैत मोहाली में अभय सिंह संधू के परिवार से मिलकर शोक जताने पहुंचे थे। स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के भतीजे संधू की हाल ही में कोविड के बाद आयी जटिलताओं के कारण मौत हो गई।
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। ऐसे में मुख्यमंत्री के खिलाफ हरियाणा के किसान संगठनों ने फैसला किया है कि 24 मई 2021 को हिसार कमिश्नरी का घेराव करेंगे।
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ यहां प्रदर्शन कर रहे समूह में शामिल पंजाब के दो किसानों की मौत हो गई, जिनमें से एक कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया।
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