लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान खत्म हो चुका है। अभी चार चरण की वोटिंग बाकी है। इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हार का घोषणा पत्र जारी किया है लेकिन वह समाजवादी पार्टी का नहीं बल्कि भाजपा की हार का घोषणा पत्र है। इस घोषणा पत्र की क्रोनोलॉजी समझाते हुए उन्होंने ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि सबसे पहली बात ‘क्रोनोलॉजी’ समझिए। अपने ही प्रदेश के पुराने साथियों पर अपने प्रदेश में चुनाव संपन्न होने के अगले दिन ही आरोप क्यों लगाए गए?
अखिलेश ने समझाई क्रोनोलॉजी
आख़िरकार किसान की बोरी से चोरी करनेवालों ने ‘बोरी भरे काले धन’ का आरोप लगाकर ख़ुद ही ये स्वीकार कर लिया है कि देश में काला धन बोरी भर-भर कर उपलब्ध है। इसका मतलब ये बात नोटबंदी की असफलता को भी स्वीकार करती है क्योंकि वो मान रहे हैं, काला धन न केवल है बल्कि भरपूर चलन में भी है। इसका एक अर्थ ये भी हुआ कि बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने टैक्स के रूप में GST, आयकर और अन्य प्रकार के टैक्स की चोरी की होगी तभी तो काला धन पैदा हुआ। ये सरकार ने होने दिया या रोक नहीं पायी, दोनों अवस्था में ये सरकार की ही नाकामी है।
इसका मतलब भाजपा सरकार के पिछले दस सालों के सारे बड़े फैसले - नोटबंदी, GST - गलत साबित हुए हैं। इसका अर्थ ये हुआ कि देश में भ्रष्टाचार से जन्म लेनेवाली महंगाई और बेरोज़गारी का कारण भाजपा सरकार की नीतियाँ ही हैं। देश के सबसे बड़े व्यापारिक घरानों के बारे में ऐसी बात कहकर भाजपाइयों ने पूरी दुनिया में भारत के उद्योग जगत की व्यापारिक संभावनाओं पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। इससे पूरी दुनिया में भारत का डंका बजाने का दावा करनेवाली भाजपा ने देश की छवि का ढोल ही फोड़ दिया है।
भाजपा राज में विकासशील देशों की श्रेणी से बाहर कर दिये जाने की वजह भाजपा सरकार है। इससे ये सवाल जन्म लेता है कि क्या भाजपा सरकार 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के भारत की संकल्पना काले धन के आधार पर कर रही थी।
जनता के तीखे सवाल के बारे में अखिलेश ने लिखा
जनता पूछ रही है कि अगर आपको ये सब मालूम था तो आपकी एजेंसियाँ सक्रिय क्यों नहीं हुई? भाजपा सरकार सब कुछ जानते हुए भी क्या सिर्फ़ इसीलिए चुप रही क्योंकि ‘इलेक्टोरल बांड’ का टेप उसके मुँह पर लगा हुआ था? बैंकों में मिनिमम बैलेंस पर ग़रीबों के खातों से पैसा काटनेवाली भाजपा सरकार क्या देश के खरबों के राजस्व की हानि की भरपाई ख़ुद के चुनावी चंदे से करेगी? चंदा लेकर जानलेवा कोरोना वैक्सीन लगवानेवाली भाजपा सरकार क्या कोर्ट द्वारा असंवैधानिक घोषित किये जानेवाले अपने चुनावी चंदे को जनता का काल बननेवाला ‘काला धन’ घोषित करेगी?
भाजपा ने जिन पर आरोप लगाए हैं, क्या उनको दिये गये सारे ठेके, पट्टे रद्द कर देगी? क्या इस भंडाफोड़ के बाद जनता के पैसों से बनाये गये ‘पीएम केयर फंड’ का हिसाब-किताब भाजपा जनता के सामने रखेगी? क्या देश के ईमानदार अधिकारी साहस करके आगे आएंगे और चौक्कने रहकर देश की सीमाओं को इस तरह चुस्त-दुरुस्त करेंगे कि कोई भागने न पाए? क्या भाजपा की जाती हुई सरकार को देखते हुए अभी भी कुछ भ्रष्ट अधिकारी भाजपा सरकार के एजेंट बनकर चुनावी घपले या जनता का उत्पीड़न करने की हिम्मत करेंगे? क्या भाजपा राष्ट्र प्रेम और ईमानदारी का ढोंग जारी रखेगी या फिर अभिनेताओं को बदल देगी।
क्या भाजपा सरकार अब ED, CBI, IT और PMLA को सक्रिय करेगी और बुलडोज़र को स्टार्ट करेगी या फिर इन सबको गर्मी की छुट्टियों पर विदेश भेज देगी? क्या इस खुलासे के बाद भाजपा अपने घनघोर समर्थकों को शर्मिंदगी और अवसाद के गहरे काले अंधेरों में जाने से रोकने के लिए, उनसे और उनकी भावनाओं से माफ़ी माँगेगी? भाजपा क्या अगले चरण का चुनाव लड़ेगी या फिर तीसरे चरण को ही अंतिम चरण मानकर हार मान लेगी?