कोविड-19 के चलते केवल एक माह की अवधि तक सीमित कर दिए गए हरिद्वार कुंभ का शुक्रवार को समापन हो गया जिसमें इस बार केवल 70 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में डुबकी लगाई।
हरिद्वार कुंभ ड्यूटी में तैनात चिकित्सकों समेत 65 स्वास्थ्यकर्मियों की जांच में उनके कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इन सभी को पृथकवास में रखा गया है।
DDMA ने यह तय किया है कि हरिद्वार कुंभ मेले से दिल्ली लौट रहे दिल्ली के सभी निवासियों को 14 दिन के लिए अपने घर पर quarantine रहना होगा।
जूना अखाड़े ने भी हरिद्वार कुंभ मेला (Haridwar kumbh mela 2021) समाप्ति की घोषणा की है। स्वामी अवधेशानंद गिरी ने ट्वीट करके ये जानकारी दी है।
उत्तराखंड (Uttarakhand) के हरिद्वार में कुंभ मेला (Haridwar Kumbh Mela) में शामिल हुए निरंजनी अखाड़ा के सचिव रविंद्र पुरी (Ravindra Puri) कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
हरिद्वार कुंभ मेला में शामिल हुए निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिलदेव की कोरोना संक्रमित होने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई।
उत्तराखंड में चल रहे महाकुंभ में कोरोना विस्फोट हुआ है। यहां अप्रैल 10-14 के बीच 1701 तीर्थयात्री और साधु कोरोना संक्रमित पाये गये हैं। बता दें कि मेले में कई धर्मिक संगठन के प्रमुखों ने कोरोना टेस्ट कराने से इंकार कर दिया था।
कुंभ में शामिल होकर कर्नाटक लौटने वाले श्रद्धालुओं को RTPCR टेस्ट करवाना होगा
शाही स्नान के लिए जाते साधु संतों पर उत्तराखंड सरकार की ओर से हैलीकॉप्टर से लगातार पुष्पवर्षा की जाती रही, जिससे वातावरण दिव्य बन गया।
Haridwar Kumbh Mela 2021: हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले में आज दूसरा शाही स्नान है। इस खास मौके पर गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आए हुए हैं।
हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेला में कोरोना की लेकर छपी खबर सरकार की प्रतिक्रिया सामने आई है और इस खबर गलत बताया गया है। इस खबर में कुंभ मेला को सुपर स्प्रेडर इवेंट बताया गया था।
कुंभ नगरी हरिद्वार के सप्त सरोवर स्थित गीता कुटीर आश्रम में कोरोना वायरस संक्रमण के 32 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इस आश्रम में रह रहे कर्मचारियों और संस्कृत पाठशाला के विद्यार्थियों को कोरोना संक्रमित पाया गया।
हरिद्वार में 1 अप्रैल से आम लोगों के लिए कुंभ की औपचारिक शुरूआत होने जा रही है। इसके चलते उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश हरिद्वार में कुंभ के कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं।
हरिद्वार कुंभ में महाशिवरात्रि के अवसर पर 11 मार्च को होने वाले पहले शाही स्नान तथा उसके बाद होने वाले हर स्नान के बाद ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से कोविड-19 की जांच करानी होगी।
उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को हरिद्वार जिले के अंतर्गत आने वाले सभी शहरी स्थानीय निकायों को "बूचड़खाना मुक्त" घोषित कर दिया, साथ ही बूचड़खानों को संचालित करने के लिए जारी की गई मंजूरी भी रद्द कर दिया है।
हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ मेला इस बार कोरोना महामारी के मद्देनजर केवल 28 दिन का होगा। उत्तराखंड सरकार ने साधु संतों से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया है। कुंभ मेला एक अप्रैल से 28 तक आयोजित किया जाएगा। उत्तराखंड सरकार के मुताबिक कुंभ में कोरोना संक्रमण रोकथाम के नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। कुंभ मेले की अधिसूचना जारी होने साथ ही एसओपी प्रभावी मानी जाएगी।
कुंभ में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को हरिद्वार आगमन की तिथि से केवल 72 घंटे पूर्व तक की आरटीपीसीआर की कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा।
कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ मेला इस बार केवल 28 दिन का होगा। उत्तराखंड सरकार ने साधु संतों से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया है।
कोविड-19 को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने कुंभ मेले की अवधि 4 महीने से घटाकर 1 महीने कर दिया है। अब कुंभ मेला की अवधि 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक रहेगी और तीन शाही स्नान साधु संत करेंगे। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने यह जानकारी दी।
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