राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने बृहस्पतिवार को एनसीएलटी की अहमदाबाद पीठ को एस्सार स्टील के लिए आर्सेलरमित्तल की बोली पर आठ मार्च तक फैसला लेने निर्देश दिया।
नितिन कसलीवाल की कंपनी के ऊपर 4,100 करोड़ रुपए का बकाया है। कंपनी को फिनक्वेस्ट फाइनेंशियल की अगुवाई में कर्जदाताओं ने यह कर्ज दिया है।
एस्सार स्टील ने ईएसएएच पर वापस नियंत्रण हासिल करने के लिए 54,389 करोड़ रुपए के भुगतान की पेशकश की थी, जबकि आर्सेलर मित्तल का प्रस्ताव 42,202 करोड़ रुपए का था, जिसे सीओसी ने मंजूरी प्रदान की थी।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने गैर-निष्पादित कर्जों (एनपीए) की वसूली की दिशा में तेजी से कार्रवाई की और दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) भी बनाई।
गेल इंडिया और गेटको ने एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिए आर्सेलर मित्तल की योजना को खारिज करने की मांग के साथ एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया है।
भारी कर्जसंकट में फंसे आईएलएंडएफएस को संभालने के लिए सरकार हरकत में आ गई है। समूह की कई कंपनियों द्वारा कर्ज चुकाने में डिफॉल्ट करने के बाद अब सरकार कंपनी का प्रबंधन अपने हाथ में लेना चाहती है।
शिविंदर ने इस बारे में NCLT में आवेदन किया है
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने गुरूवार को आरएचसी होल्डिंग्स में कुप्रबंध के आरोप में शिविंदर सिंह की याचिका पर मालविंदर मोहन सिंह, रेलिगेयर के पूर्व प्रमुख सुनील गोधवानी और अन्य को गुरुवार को नोटिस जारी किए।
शिविंदर सिंह ने एक वक्तव्य में कहा कि उन्होंने मालविंदर और सुनील गोधवानी के खिलाफ NCLT में मामला दायर किया है
आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया का विलय पूरा हो गया है। इसके साथ देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी अस्तित्व में आई है, जिसके ग्राहकों की संख्या 40.8 करोड़ है।
दिवंगत महारानी गायत्री देवी के पोते-पोती को जयपुर स्थित जय महल होटल का मालिकाना हक वापस मिल गया है।
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने टाटा-मिस्त्री विवाद में कहा कि एक कार्यकारी चेयरमैन के पास सर्वाधिकार नहीं होता है और वह ऐसा नहीं सोच सकता है कि बहुलांश शेयरधारक तथा निदेशक मंडल उसका आदेश मानने के लिए तैयार है।
टाटा सन्स के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री को झटका लगा है. टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने को लेकर साइरस मिस्त्री ने राष्ट्रीय कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में जो अपील दाखिल की थी उसे ट्रिब्यूनल ने बर्खास्त कर दिया है। सोमवार को इसको लेकर ट्रिब्यूनल ने अपना फैसला सुनाया है। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा है कि साइरस मिस्त्री को इसलिए हटाया गया क्योंकि टाटा संस के निदेशक मंडल ने उनमें भरोसा खो दिया था।
भूषण स्टील और इलेक्ट्रोस्टील स्टील के सफलतापूर्वक एनपीए समाधान के बाद टेक्सटाइल कंपनी आलोक इंडस्ट्रीज भी कर्ज समाधान के अंतिम चरण में पहुंच गई है।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) दिवाला प्रक्रिया शुरू किये जाने के खिलाफ दायर रिलायंस कम्युनिकेशंस (Rcom) की याचिका पर कल सुनवाई करेगा। रिलायंस कम्युनिकेशंस ने यह याचिका राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के फैसले के खिलाफ दायर की है।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने आज बैंकों की राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के आदेश के खिलाफ याचिका को स्वीकार कर लिया है।
निजी क्षेत्र के यस बैंक ने दिवालिया कंपनी भूषण स्टील को टाटा स्टील को बेचे जाने से 184 करोड़ रुपए वसूल किए। इसी के साथ बैंक की कुल वसूली 216 करोड़ रुपए हो गयी, जो भूषण स्टील के लिए किए गए उसके वास्तविक दावे (325 करोड़ रुपए) का 66 प्रतिशत है।
आयकर विभाग पंजीकरण रद्द की जा चुकी कई कंपनियों के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (NCLT) में करोड़ों रुपये के बकाया कर की वसूली के लिए याचिकाएं दायर कर सकता है।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLT) ने कर्ज के बोझ से दबी भूषण स्टील के टाटा स्टील द्वारा अधिग्रहण पर रोक से इनकार कर दिया है। भूषण स्टील इस समय दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत है। NCLT की चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली पीठ ने टाटा स्टील , निपटान पेशेवरों तथा भूषण स्टील की ऋणदाताओं की समिति (COC) को कंपनी के प्रवर्तक नीरज सिंघल की याचिका पर नोटिस जारी किया है। सिंघल ने इस बिक्री को चुनौती दी है।
वित्त मंत्रालय भूषण स्टील मामले के निपटान से उत्साहित है और उसे उम्मीद है कि बैंकों को फंसे कर्ज (NPA) के सभी 12 बड़े मामलों के समाधान से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक मिलेंगे। ये वे मामले हैं जिन्हें रिजर्व बैंक ने अपनी पहली सूची में ऋण शोधन कार्यवाही के लिये भेजा है। पिछले सप्ताह टाटा समूह ने कर्ज में डूबी भूषण स्टील लि में 36,000 करोड़ रुपये में 72.65 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया। इससे जहां फंसे कर्ज के मामले में बैंक सुदृढ होंगे वहीं उनका लाभ भी बढ़ेगा।
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