लोगों के बीच मातम तब पसरा जब चॉल में रहने वाली एक महिला इस हादसे का शिकार हो गई। जैसे ही बिल्डिंग का हिस्सा गिरा एनडीआरएफ की टीम को मौके पर रवाना कर दिया गया।
एक दो नहीं कई परिवारों की ख्वाहिशों को खत्म कर दिया गया एक ही झटके में। इस मलबे में दब कर रह गये सारे अरमान। इस मलबे में उम्मीद के सहारे इंतजार की गलियों में बैठे हैं परिजन। मरने के बाद मुआवजे के मरहम का रिवाज है, सरकार ने दो लाख देने में देर नहीं की है।
मौके पर भीड़ को नियंत्रित करने और बचाव कार्य के लिए कई थानों की फोर्स की तैनाती की गई है। जिले के आला अफसर भी मौके पर मौजूद हैं। बिल्डर के ख़िलाफ़ लुक आउट नोटिस जारी कर दिया गया है।
महाराष्ट्र के पालघर जिले के वसई में स्थित चिंचोटी वॉटरफॉल पर शनिवार को एक बड़ा हादसा होते-होते रह गया...
शुरुआती जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट को बताया जा रहा है। आग रात को ही काबू में आ गई थी। जूनागढ़, राजकोट और पोरबंदर से फायर ब्रिगेड की टीमों को बुलाकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था।
करीब 14 परिवार इस बिल्डिंग में रहते हैं और अभी की 10 से 12 लोगों के फंसे होने की आशंका है। बताया जा रहा है कि छोटी-छोटी गलियां होने की वजह से राहत और बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। एनडीआरएफ की टीम को भी बचाव कार्य के लिए रवाना कर दिया गया है।
एनडीआरएफ, राज्य आपदा प्रबंधन, अग्निशमन कर्मी, खोजी कुत्ते के दस्ते व इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मलबे में से लोगों को खोजने के लिए लगाए गए हैं। इस दौरान स्थानीय निवासियों, खास तौर से दाऊदी बोहरा समुदाय के सदस्यों ने अपने राहत प्रयास शुरू किए और हाथों से मलबे
गंगा का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। पटना के गांधी घाट में गंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। पुनपुन और अन्य छोटी नदियां पहले से ही उफान पर हैं। इसके बाद जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने सभी बीडीओ और सीओ को अलर्ट जारी किया है। गांधी घाट पर खतरे
बिहार में बाढ़ का संकट गहराने के कारण एनडीआरएफ ने आज चार अतिरिक्त दल पंजाब के बठिंडा से बिहार में पटना के लिये एयरलिफ्ट कराये हैं। एनडीआरएफ से प्राप्त आधिकारिक जानकारी के मुताबिक बिहार, असम, उार प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, गु
एक अधिकारी ने बताया कि अररिया में 20, सीतामढ़ी में छह, किशनगंज में पांच, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण और दरभंगा में तीन-तीन लोगों और मधुबनी में एक व्यक्ति की मौत हुई है। किशनगंज, पूर्णयिा के तीन प्रखंड और कटिहार का एक प्रखंड बाढ़ की चपेट में है जिससे सड़क
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