दिल्ली हिंसा मामले में पुलिस ने पूरक आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें शरजील इमाम और उमर खालिद को लेकर पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शाहीन बाग विरोद प्रदर्शन को लेकर हुई सुनवाई के बाद अपने फैसले में कहा है कि प्रदर्शनकारी अनिश्चित काल के लिए सार्वजनिक सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कब्जा नहीं कर सकते।
पिछले साल नवंबर दिसंबर से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में सरकार का पुरजोर विरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता शहजाद अली ने आज भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली है।
2020 की शुरुआत में नार्थ ईस्ट दिल्ली में हुए दंगों के मामले में पुलिस ने आज खालिद सैफी नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है।
अनलॉकिंग की प्रक्रिया शुरू होने और प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद इन ताकतों ने एक बार फिर हाथ मिलाया और शाहीन बाग के आंदोलन को फिर से जिंदा करने की कोशिश की। लेकिन अब समय बदल गया है। पुलिस ने अपने मुखबिर तैयार रखे थे जिसके चलते उनके मंसूबों पर पहले ही पानी फिर गया।
दिल्ली में शाहीन बाग को फिर से रिवाइव करने की कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में 3 जून को शाहीन बाग में धरना शुरु करने की एक बड़ी कोशिश की गई थी।
दिल्ली पुलिस की एक टुकड़ी को नई दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में तैनात किया गया | ऐसी खबरें हैं कि सीएए लॉबी अपने विरोध प्रदर्शन को फिर से शुरू करने की योजना बना रही है |
शाहीन बाग इलाके की दुकानों के ताले आखिरकार 5 महीने बाद खुल गए हैं। पहले नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हो रहे प्रदर्शन की वजह से 100 दिनों तक ये बाजार बंद रहा और उसके बाद कोरोना संकट के कारण पांच महीने से इलाके की दुकानें बंद चल रही थीं।
उच्चतम न्यायालय ने 23 मार्च को सभी राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि कोरोना वायरस की महामारी के खतरे को देखते हुये जेलों में कैदियों की भीड़ कम करने और उन्हें पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने पर विचार करें जिन्हें सात साल तक की कैद हुयी है या सात साल तक की सजा के आरोप में विचाराधीन कैदी हैं।
मंगलवार सुबह शाहीन बाग के प्रदर्शन स्थल को हटाए जाने के विरोध में अब शाहीन बाग की गलियों में लोगों ने जुटना शुरू कर दिया है।
करीब 3 महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में सड़क के बीचों बीच बने प्रदर्शन स्थल को दिल्ली पुलिस ने हटा दिया है।
कोरोना वायरस के चलते दिल्ली में पूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। दिल्ली से सटी हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाएं सील कर दी गई हैं।
नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ 15 दिसंबर से शाहीन बाग में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हटा दिया है। दिल्ली पुलिस धरने वाली जगह से टेंट हटा दी है। बता दें कि कोरोना के मद्देनजर दिल्ली में धारा 144 लागू है। इसके बावजूद वहां कुछ प्रदर्शनकारी जुटे हुए थे।
करीब 3 महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में सड़क के बीचों बीच बने प्रदर्शन स्थल को दिल्ली पुलिस ने हटा दिया है।
पिछले तीन महीनों से सीएए विरोधी आंदोलन का केंद्र रहे शाहीन बाग में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां पर इक्का दुक्का महिलाएं ही प्रदर्शन पर बैठी हैं।
दिल्ली के शाहीन बाग पर चले रहे धरने की जगह पर आज पेट्रोल बम से हमला किया गया। हालांकि इस हमले में किसी के भी घायल होने की खबर नहीं है।
बहन के कोरोनावायरस से ग्रस्त पाए जाने के बाद प्रदर्शनकारी और उसकी मां को भी एहतियातन दिल्ली गेट स्थित लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। अब इन दोनों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।
बहन के कोरोनावायरस से ग्रस्त पाए जाने के बाद प्रदर्शनकारी और उसकी मां को भी एहतियातन दिल्ली गेट स्थित लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। अब इन दोनों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।
गुरुवार रात राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से कोरोनावायरस को लेकर सावधानी बरतने और रविवार को स्वैच्छिक जनता कर्फ्यू का निवेदन किया है।
शाहीन बाह में प्रदर्शन स्थल पर मौजूद महिलाओं के कहना है, हमें कोरोनावायरस और सीएए एवं एनआरसी दोनों से ही लड़ना है। इस लड़ाई में हमारे लिए कोरोना वायरस से ज्यादा खतरनाक एनआरसी और सीएए है...
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