Thursday, April 25, 2024
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Rajat Sharma’s Blog- योगी की चेतावनी: यूपी में कोई शाहीन बाग नहीं बनने देंगे!

योगी आदित्यनाथ ने सीएए के नाम पर सांप्रदायिक उन्माद भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: November 24, 2021 17:59 IST
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Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

पाकिस्तान से आए दिन हिंदू, सिख, ईसाई और अन्य अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की खबरें आती रहती हैं। यही वजह है कि भारत सरकार दो साल पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लेकर आई। इस कानून की वजह से अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में सताए गए उन धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ जो हिंदू, सिख, जैन, पारसी या ईसाई हैं और दिसंबर 2014 के अंत से पहले भारत आ चुके हैं। दिल्ली के शाहीन बाग में मुसलमानों के एक वर्ग ने लगभग दो महीने तक इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।

उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने इस हफ्ते चेतावनी दी थी कि यदि CAA और NRC को रद्द नहीं किया गया, तो प्रदर्शनकारी यूपी की सड़कों पर उतरकर शाहीन बाग जैसा एक और आंदोलन शुरू करेंगे।

कानपुर में मंगलवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएए के नाम पर सांप्रदायिक उन्माद भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। योगी ने 'अब्बा जान' और 'चाचा जान' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए ओवैसी का नाम लिए बगैर कहा, ‘उत्तर प्रदेश में 2017 से पहले हर तीसरे-चौथे दिन दंगे होते थे, आज यहां पर मैं उस व्यक्ति को चेतावनी दूंगा जो सीएए के नाम पर यहां फ‍िर से भावनाओं को भड़काने का कार्य कर रहा है। मैं इस अवसर पर ‘चचाजान’ और ‘अब्बाजान’ के इन अनुयायियों से कहूंगा कि वे सावधान होकर सुन लें, अगर प्रदेश की भावनाओं को भड़काकर माहौल खराब करोगे तो फिर सरकार सख्ती के साथ निपटना जानती है।’

योगी ने आगे कहा, ‘हर व्यक्ति जानता है कि ओवैसी सपा के एजेंट बनकर प्रदेश में भावनाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं। अब यूपी दंगों के लिए नहीं बल्कि दंगा मुक्त राज्य के रूप में जाना जाता है। हमारी सरकार माफियाओं को संरक्षण नहीं देती है, यह एक ऐसी सरकार है जो माफियाओं के सीने पर बुल्डोजर चलाती है।’ योगी ने यह बात माफियाओं की संपत्ति के तोड़फोड़ के संदर्भ में कही थी।

यूपी के मुख्यमंत्री बूथ स्तर के बीजेपी नेताओं के एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी संबोधित किया। नड्डा ने कहा कि यूपी में होने जा रहे चुनावों में लड़ाई राष्ट्रवादियों और 'जिन्नावादियों' के बीच होगी। नड्डा सपा प्रमुख अखिलेश यादव का जिक्र कर रहे थे, जिन्होंने एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जिन्ना की तुलना नेहरू, पटेल और गांधी से की थी।

मंगलवार को ओवैसी महाराष्ट्र के सोलापुर में थे, जहां उन्होंने एक जनसभा में कहा कि भारत में मुसलमानों को जिन्नावादी कहकर अपमानित किया जा रहा है। ओवैसी ने कहा, हकीकत यह है कि बंटवारे के बाद भारत में रहने वाले सभी मुसलमानों ने जिन्ना का विरोध किया था, और उन्होंने हिंदुस्तान को अपना वतन माना था। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को से लोगों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए, जो उनकी देशभक्ति पर सवाल उठा रहे हैं।

विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही यूपी के सियासी माहौल में और ज्यादा तपिश देखने को मिलेगी। योगी आदित्यनाथ एक बेबाक नेता हैं, जो कहते हैं, करके दिखाते हैं।  मुख्यमंत्री के रूप में अपने साढे चार साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने न केवल प्रमुख विकास परियोजनाओं पर तेजी से काम किया, बल्कि ऐसे सभी अपराधियों और माफिया गिरोहों के खिलाफ ज़ोरदार कार्रवाई की, जिन्हें नेताओं का संरक्षण मिला हुआ था। यूपी के अपराधी योगी से अब डरने लगे हैं।

पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के दिल में दहशत पैदा करने वाले मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफिया सरगनाओं की अवैध संपत्तियों पर योगी सरकार ने ‘बुल्डोजर’ चलवाया है। 19 मार्च 2017 को जबसे योगी आदित्यनाथ ने अपना कार्यभार संभाला है, तब से वह 'माफिया संस्कृति' का सफाया करने के अपने मिशन पर काम कर रहे हैं। मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, विजय मिश्रा, सुंदर भाटी समेत 40 से ज्यादा माफिया सरगनाओं की 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध संपत्ति जब्त की गई है। करीब 800 गैंगस्टरों और उनके करीबियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।

सीएए पर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की किसी भी कोशिश पर ओवैसी को योगी की खुली चेतावनी को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ओवैसी पर आरोप लगाया था कि वह यूपी में बीजेपी की 'बी टीम' बनकर काम कर रहे हैं, लेकिन मंगलवार को योगी ने साफ कहा कि ओवैसी को समाजवादी पार्टी के एजेंट के तौर पर काम रहे हैं।

व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि ओवैसी न किसी पार्टी की ‘ए’ टीम हैं और न किसी की ‘बी’ टीम। यूपी की सियासत में उनकी एंट्री के बाद अखिलेश यादव के खेमे को इस बात की चिंता है कि कहीं वो मुस्लिम वोट बैंक में बड़ी सेंध न लगा दें।

उत्तर प्रदेश में बीजेपी को छोड़कर ज्यादातर पार्टियां खुद को मुसलमानों का दोस्त बताती हैं, लेकिन ओवैसी दिखा रहे हैं कि हर किसी की थाली में छेद है। क्या राहुल गांधी इस बात का जवाब देंगे कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर सरकार क्यों बनाई?

ओवैसी उत्तर प्रदेश के वोटरों को याद दिला रहे हैं कि मायावती ने यूपी में दो-दो बार बीजेपी के साथ मिलकर सरकारें बनाई। क्या अखिलेश यादव मुस्लिम मतदाताओं को इस बात का जवाब देंगे कि कल्याण सिंह ने 2009 के लोकसभा चुनाव के समय समाजवादी पार्टी के लिए प्रचार किया था और उनके बेटे राजवीर सिंह सपा में शामिल हो गए थे?  यही वजह है कि ओवैसी पूरे यूपी में घूम कर मुसलमानों से कह रहे हैं कि सिर्फ वही मुसलमानों के हक़ की लड़ाई लड़ सकते हैं। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 23 नवंबर, 2021 का पूरा एपिसोड

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