Saturday, April 27, 2024
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अयोध्या बम ब्लास्ट मामले के अपराधियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या बम ब्लास्ट व आतंकी हमले के आरोपियों की सशर्त जमानत मंजूर कर दी है। कोर्ट ने शकील अहमद, मोहम्मद नसीम, आसिफ इकबाल उर्फ फारूक व डॉ. इरफान की सशर्त जमानत अर्जी मंजूर की है।

Reported By : Imran Laeek Edited By : Swayam Prakash Updated on: September 20, 2023 17:15 IST
ayodhya bomb blast- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO साल 2005 में अयोध्या में हुए थे ब्लास्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या बम ब्लास्ट व आतंकी हमले के आरोपियों की सशर्त जमानत मंजूर कर दी है। कोर्ट ने शकील अहमद, मोहम्मद नसीम, आसिफ इकबाल उर्फ फारूक व डॉ. इरफान की सशर्त जमानत अर्जी मंजूर की है। बता दें कि हाई कोर्ट ने अयोध्या बम ब्लास्ट व आतंकी हमले के षड्यंत्र में शामिल अपराधियों की सशर्त जमानत मंजूर की है। हाईकोर्ट ने सजा के खिलाफ अपील 4 दिसंबर को सुनवाई के लिए पेश करने का निर्देश दिया है।

18 साल से उम्र कैद की सजा काट रहे अपराधी

बता दें कि ट्रायल कोर्ट के फैसले के बाद याची 18 साल से उम्र कैद की सजा भुगत रहे हैं। वहीं जुलाई 2005 में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में ही पांच आतंकी हमलावरों को मौके पर ढेर कर दिया गया था। इस बम ब्लास्ट में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई थी। कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए कहा कि अपील की सुनवाई शीघ्र होने की उम्मीद नहीं है।

कोर्ट ने रखी जमानत के लिए ये शर्तें
अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश हुए एक साल बीत गए हैं। कोर्ट ने कहा है कि सभी याचियों को अपने थाने में हर हफ्ते रिपोर्ट करना होगा। साथ ही याची पासपोर्ट समर्पण कर देंगे और देश नहीं छोड़ेंगे। जमानत का जुर्माना 6 हफ्ते के भीतर जमा करेंगे। जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस एस ए एच रिजवी की खंडपीठ ने अयोध्या बम ब्लास्ट मामले के अपराधियों को जमानत का ये आदेश दिया है।

2019 में हुई थी उम्रकैद
गौरतलब है कि 2005 के अयोध्या आतंकी हमले के केस में साल 2019 में इलाहाबाद की एक विशेष अदालत ने पांच में से चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। विशेष न्यायाधीश दिनेश चंद्र ने हर एक दोषी पर 2.4 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। फिलहाल ये सभी अपराधी इलाहाबाद की नैनी जेल में बंद हैं। इन पांचों आरोपियों को साजिश रचने और आतंकी संदिग्धों को रसद और सामग्री सहायता प्रदान करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 5 जुलाई, 2005 को हुए आतंकवादी हमले में दो स्थानीय लोगों की मौत हो गई थी और सात अर्धसैनिक कर्मी घायल हो गए थे। इस दौरान जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने पांच संदिग्ध जैश आतंकवादियों को भी मार गिराया था।

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