Wednesday, April 24, 2024
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आज से होगी रोहिंग्याओं की ‘घर वापसी’, डर से शिविरों से फरार हुए शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र अधिकार प्रमुख ने बांग्लादेश से अनुरोध किया कि वह रोहिंग्या मुसलमानों को वापस म्यामां भेजने की अपनी योजना को रोक दे क्योंकि वहां अब भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की खबरें आ रही हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 15, 2018 11:05 IST
आज से होगी रोहिंग्याओं की ‘घर वापसी’, डर से शिविरों से फरार हुए शरणार्थी- India TV Hindi
आज से होगी रोहिंग्याओं की ‘घर वापसी’, डर से शिविरों से फरार हुए शरणार्थी

नई दिल्ली: म्यांमार से भागकर शरण लेने वाले रोहिंग्याओं की बांग्लादेश ने घर वापसी की तैयारियां शुरू कर दी हैं। शुरु में 2,260 लोगों में से 150 रोहिंग्याओं की म्यांमार वापसी आज होगी। पिछले साल अगस्त में सेना के हमले के बाद 7.2 लाख रोहिंग्याओं ने म्यांमार और भारत जैसे देशों से शरण मांगी थी। इनमें से करीब 5 लाख लोग बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्व इलाके में म्यांमार सीमा के पास स्थित कॉक्स बाजार में रह रहे हैं। म्यांमार के रखाइन प्रांत में हुई हिंसा के बाद इन लोगों को पलायन करना पड़ा था।

‘रोहिंग्याओं को म्यामां वापस भेजने की योजना स्थगित करे बांग्लादेश’

वहीं संयुक्त राष्ट्र अधिकार प्रमुख ने बांग्लादेश से अनुरोध किया कि वह रोहिंग्या मुसलमानों को वापस म्यामां भेजने की अपनी योजना को रोक दे क्योंकि वहां अब भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की खबरें आ रही हैं।

मिशेल बाचेलेत ने एक बयान में कहा, ‘‘जबरन निष्कासन या शरणार्थियों को वापस उनके देश भेजना गैर प्रतिवाह के मूल कानूनी सिद्धांत का स्पष्ट उल्लंघन होगा क्योंकि यह सिद्धांत शरणार्थियों की उन हालात में वापसी को रोकता है जहां उन्हें सजा दिये जाने या उनकी जिंदगी और शारीरिक अक्षुण्णता और व्यक्तियों की स्वतंत्रता को गंभीर खतरा हो।’’

‘स्वतंत्र फैसले पर ही होनी चाहिए रोहिंग्याओं की वापसी’
संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष शरणार्थी अधिकारी ने कहा है कि विस्थापित रोहिंग्या शरणार्थियों की म्यामां वापसी केवल उनकी ‘स्वतंत्र रूप से व्यक्त की गयी इच्छा’ पर होनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) फिलिप्पो ग्रेंडी ने एक बयान में कहा कि शरणार्थियों की वापसी उनके स्वतंत्र फैसले पर आधारित होनी चाहिए।

जबरन म्यामां भेजे जाने के डर से शिविरों से फरार हुए रोहिंग्या
इधर उनके वापस भेजे जाने की खबर के बाद इससे बचने के लिए बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों से वो भाग रहे हैं। समुदाय के नेताओं ने यह जानकारी दी। अधिकारी रोहिंग्या शरणार्थियों को बृहस्पतिवार से बौद्ध बहुल म्यामां वापस भेजे जाने की योजना बना रहे हैं। ये शरणार्थी म्यामां में उनपर हुए अत्याचार के बाद वहां से भाग निकले थे। संयुक्त राष्ट्र ने इस क्रूरता को नस्लीय सफाया नाम दिया था।

समुदाय के नेताओं के मुताबिक इस संभावना ने शिविरों में रह रहे लोगों को आतंकित कर दिया और कुछ ऐसे परिवार जिन्हें सबसे पहले वापस भेजा जाना था, वहां से फरार हो गए। जामतोली शरणार्थी शिविर के नूर इस्लाम ने कहा, “अधिकारी शरणार्थियों को लगातार वापस जाने के लिए प्रेरित करने का प्रयास कर रहे हैं। पर इसके उलट वह भयभीत होकर दूसरे शिविरों में भाग रहे हैं।”

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