
भारत और म्यांमार की सीमा के पास आधी रात को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटकों से धरती एक बार फिर हिल गई। ये भूकंप भारत की सीमा से थोड़ी ही दूर म्यांमार में आया। इसका असर भारत के भी कई राज्यों में भी देखने को मिला। वहीं भूकंप की वजह से आधी रात को लोग घरों से बाहर निकल गए। म्यांमार में देर रात भूकंप के जोरदार झटकों से लोगों में अफरातफरी मच गई। हालांकि भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। म्यांमार में आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.8 दर्ज की गई।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने कहा कि म्यांमार में रिक्टर पैमाने पर 4.8 तीव्रता का भूकंप आया। म्यांमार में 4.8 तीव्रता का भूकंप 12:53 बजे (आईएसटी) 106 किलोमीटर की गहराई पर आया। इसे अक्षांश 24.68 N और देशांतर 94.87 E पर दर्ज किया गया। हालांकि भूकंप से जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। म्यांमार में इस हफ्ते की शुरुआत में भी 5.1 की तीव्रता वाला भूकंप आया था।
क्यों आते हैं भूकंप?
हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं। इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनजीवन को उठाना पड़ता है। भूकंप से मकानें गिर जाती हैं, जिसमें दबकर हजारों लोगों की मौत हो जाती है।
भारत में क्या हैं भूकंप के जोन
भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के कुल भूभाग के लगभग 59 फीसदी हिस्से को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। वैज्ञानिकों ने भारत में भूकंप क्षेत्र को जोन-2, जोन-3, जोन-4 व जोन-5 यानी 4 भागों में विभाजित किया है। जोन-5 के इलाकों को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है, जबकि जोन-2 कम संवेदनशील माना जाता है। हमारे देश की राजधानी दिल्ली भूकंप के जोन-4 में आती है। यहां 7 से अधिक तीव्रता के भी भूकंप आ सकते हैं जिससे बड़ी तबाही हो सकती है।
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