Sunday, April 28, 2024
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उत्तर कोरिया में आत्महत्याओं की झड़ी लगने से थर्राया तानाशाह किम जोंग उन, दिया ये बड़ा आदेश

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन देश में आत्महत्याओं की घटनाएं बढ़ने से घबरा गए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर कोरियाई लोगों में आत्महत्या करने की दर 40 फीसदी तक बढ़ गई है। किम जोंग ने लोगों से खुद की हत्या नहीं करने का आदेश दिया है। साथ ही अधिकारियों को इसे रोकने को निर्देशित किया है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: June 12, 2023 20:02 IST
किम जोंग उन, उत्तर कोरिया के तानाशाह- India TV Hindi
Image Source : FILE किम जोंग उन, उत्तर कोरिया के तानाशाह

ऐसा क्या हो गया कि उत्तर कोरिया के लोग अपनी जिंदगी जीना ही नहीं चाहते। एक के बाद एक लगातार उत्तर कोरियाई नागरिक अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए मौत को गले लगा रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर कोरिया में आत्महत्या करने वालों की संख्या 40 फीसदी बढ़ गई है। इस देश में आत्महत्याओं की झड़ी लगने से तानाशाह किम जोंग उन भी थर्रा उठे हैं। आम तौर पर अपने आसपास के लोगों, मंत्रियों इत्यादि को बातों-बातों में और मामूली से गलती के लिए भी क्रूरतम मौत देने वाले तानाशाह का कलेजा भी इस घटना से फट गया है। लिहाजा किम जोंग उन ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि "खुद को मत मारो"...यानि आत्महत्याएं मत करो। इसे रोकने के लिए उन्होंने एक आदेश भी जारी किया है।

रेडियो फ्री एशिया से बात करने वाले सरकारी अधिकारियों के अनुसार, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने स्थानीय अधिकारियों को आत्महत्या पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है, क्योंकि आंकड़े आसमान छू रहे हैं। हालांकि आत्महत्या के सटीक आंकड़े सामने नहीं आए हैं, क्योंकि प्योंगयांग के डेटा पर गोपनीयता का पर्दा पड़ा हुआ है। मगर मई में दक्षिण कोरियाई खुफिया विभाग ने अनुमान लगाया था कि उत्तर कोरिया में आत्महत्याएं पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 40% बढ़ गई हैं। इसके बाद निर्देश में, किम जोंग उन ने आत्महत्या को "समाजवाद के खिलाफ देशद्रोह का कार्य करार दिया है। किम जोंग के आदेश में कहा गया है कि स्थानीय सरकारी अधिकारियों को अपने अधिकार क्षेत्र में लोगों को खुद को मारने से रोकने में विफल रहने के लिए संयुक्त रूप से जवाबदेह ठहराया जाएगा।

आत्महत्याएं बढ़ने से हर कोई हैरान

उत्तरी हामग्योंग के पूर्वोत्तर प्रांत के एक अधिकारी ने रेडियो फ्री एशिया को बताया कि उत्तर कोरियाई प्रांतों में आपातकालीन बैठकों की एक श्रृंखला में भी किम जोंग के इस आदेश का उल्लेख किया गया था। इसके अलावा, आत्महत्याओं की संख्या पर डेटा प्रदान किया गया था और साथ ही पूरे परिवारों के सदस्यों द्वारा आत्महत्या कर लिए जाने के उदाहरण भी दिए गए थे। अधिकारी ने दावा किया कि बैठक में भाग लेने वाले लोग "देश और सामाजिक व्यवस्था की आलोचना करने वाले भी सुसाइड नोट के खुलासे से हैरान थे। ” रयांगगैंग के एक अन्य अधिकारी ने रेडियो फ्री एशिया को बताया कि समुदाय पर भुखमरी से ज्यादा आत्महत्या का प्रभाव पड़ रहा है।

ज्यादातर गरीबी और भुखमरी के कारण आत्महत्याएं

महासचिव द्वारा आत्महत्या-रोकथाम नीति की पुष्टि के बावजूद, अधिकारी आत्महत्याएं रोकने के लिए एक उचित समाधान के साथ आने में सक्षम नहीं थे। अधिकांश आत्महत्याएं अत्यधिक गरीबी और भुखमरी के कारण हुई हैं। इसलिए कोई भी इस समय प्रतिवाद के साथ नहीं आ सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 2019 के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर कोरिया में प्रति 100,000 लोगों पर 8.2 आत्महत्याएं थीं।

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