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नेपाल की सरकार बदलने पर भी पड़ोसी के प्रति कभी नहीं बदलेगा भारत का सद्भाव, भारतीय राजदूत ने जानें क्यों कही ये बात

भारत और नेपाल के बीच हमेशा से ही मधुर संबंध रहा है। कई बार रिश्तों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को भी मिला है। इसके बावजूद भारत का सद्भाव नेपाल के लिए कम नहीं हुआ। भारत ने नेपाल को आश्वासन दिया है कि आगे भी सरकारें बदलने पर भी भारत का सद्भाव नेपाल के लिए वही रहेगा।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Mar 08, 2024 20:16 IST, Updated : Mar 08, 2024 20:16 IST
नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड और पीएम मोदी (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi
Image Source : AP नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड और पीएम मोदी (प्रतीकात्मक फोटो)

काठमांडू: भारत और नेपाल का सदियों से मधुर संबंध रहा है। नेपाल के साथ भारत का रिश्ता रोटी-बेटी का कहा जाता है। भारत ने हमेशा ही नेपाल को पड़ोसी ही नहीं, भाई की तरह तरजीह दी है। भारत ने नेपाल को आश्वासन दिया है कि नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (माओवादी केंद्र) के बीच गठबंधन टूटने तथा नयी सरकार के गठन के बाद नेपाल के प्रति उसकी नीति नहीं बदलेगी। मीडिया की खबरों से यह जानकारी मिली। ‘द काठमांडू पोस्ट’ अखबार की खबर के अनुसार, यह आश्वासन नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने दिया, जिन्होंने बृहस्पतिवार को उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ एवं वित्त मंत्री वर्षा मान पुन से अलग-अलग शिष्टाचार मुलाकात की।

खबर में कहा गया है कि श्रीवास्तव ने दोनों मंत्रियों को बताया कि नेपाल के प्रति भारत की नीति एक समान बनी हुई है और वह नेपाल में राजनीतिक बदलावों को उसका ‘‘आंतरिक मामला’’ मानता है। भारत के नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (माओवादी केंद्र) का गठबंधन टूटने तथा सीपीएन-यूएमएल और माओवादी केंद्र के बीच नए गठबंधन से खुश नहीं होने की अटकलों के बीच राजदूत ने यह आश्वासन दिया। नेपाल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अमृत बहादुर राय ने कहा कि मंत्रालय में श्रेष्ठ के साथ बैठक के दौरान श्रीवास्तव ने द्विपक्षीय और पारस्परिक हित के विभिन्न विषयों पर चर्चा की।

नेपाल की राजनीति में आया ये बदलाव

‘हिमालयन टाइम्स’ अखबार ने राय के हवाले से कहा कि बैठक के दौरान श्रेष्ठ और भारतीय राजदूत ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने तथा भारत की सहायता से नेपाल में विकास परियोजनाओं को समय पर पूरा करने सहित अन्य विषयों पर चर्चा की। खबर में कहा गया है कि दोनों मंत्रियों ने बुधवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली और श्रीवास्तव उनसे मिलने और बधाई देने वाले पहले विदेशी राजनयिक हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने नेपाली कांग्रेस का साथ छोड़कर सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली दूसरी सबसे बड़ी पार्टी - नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के साथ एक नया गठबंधन बनाया। (भाषा) 

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