पाकिस्तान और तुर्की बीते कुछ समय से काफी बड़े साझेदार बनकर उभरे हैं। तुर्की ने भारत के खिलाफ बढ़ चढ़कर पाकिस्तान का साथ दिया है। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए ऑपरेशन सिंदूर में भी तुर्की पाकिस्तान के साथ खड़ा रहा और उसे हथियार व अन्य कई मदद दी। हालांकि, अब पाकिस्तान के दोस्त तुर्की को बड़ा झटका लगा है। उत्तरी इराक में तुर्की के 5 सैनिकों की मौत हो गई है। आइए जानते हैं इस पूरी घटना के बारे में।
कैसे हुई तुर्की के सैनिकों की मौत?
जानकारी के मुताबिक, तुर्की के सैनिक उत्तरी इराक की एक गुफा में थे जिस दौरान उनकी मौत हुई। तुर्की के ये सैनिक रविवार को 2022 में कुर्द उग्रवादियों द्वारा मारे गए एक सैनिक के अवशेषों की तलाश कर रहे थे। इसी अभियान के दौरान तुर्की के सैनिक मीथेन गैस के संपर्क में आ गए। सैनिकों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन पांच जवानों की मौत हो गयी।
कितनी खतरनाक होती है मीथेन गैस?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मीथेन गैस बिना रंग और गंध की होती है। ये गैस काफी ज्वलनशील होती है और इसके ज्यादा मात्रा में होने पर इंसान की दम घुटने से मौत भी हो सकती है। तुर्की के रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, गुफा में 19 सैनिक मीथेन गैस के संपर्क में आ गए हैं और इलाके में बचाव अभियान जारी है।
पाकिस्तान में भी 3 सैनिकों की हत्या
दूसरी ओर पाकिस्तानी तालिबान से जुड़े आतंकवादियों ने देश के अर्धसैनिक बल के तीन जवानों की हत्या कर दी है। इन जवानों को दो दिनों तक बंधक बना कर रखा गया था। आतंकियों ने करीब दो दिन पहले टैंक जिले में एक यात्री वाहन से फ्रंटियर कॉर्प्स के तीन जवानों को अगवा कर लिया था। अर्धसैनिक बल के तीन जवानों के शव पहाड़ी क्षेत्र में पाए गए हैं। (इनपुट: भाषा)
ये भी पढ़ें- तालिबान ने पाकिस्तान में मचाया कत्लेआम, अर्धसैनिक बल के तीन जवानों की हत्या कर डाली
पाकिस्तान में कभी भी हो सकता है तख्तापलट, बिलावल के बयान से बवाल, जाएगी राष्ट्रपति जरदारी की कुर्सी?