Monday, April 29, 2024
Advertisement

सरकार के पलटवार से खफा हुए व्यापारी, देशभर में अभियान की तैयारी

नई दिल्ली: मल्टीब्रांड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई की मंजूरी को बरकरार रखने के केंद्र सरकार के फैसले ने देशभर के व्यापारियों को नाराज कर दिया है। इस फैसले से कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स

India TV Business Desk India TV Business Desk
Updated on: May 14, 2015 12:55 IST
रिटेल में FDI पर सरकार के...- India TV Hindi
रिटेल में FDI पर सरकार के यू टर्न से व्यापारी नाराज, अभियान की तैयारी

नई दिल्ली: मल्टीब्रांड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई की मंजूरी को बरकरार रखने के केंद्र सरकार के फैसले ने देशभर के व्यापारियों को नाराज कर दिया है। इस फैसले से कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) भी सकते में है।  देशभर के व्यापारी 8 जून को नागपुर में एक बैठक कर सरकार के इस फैसले के खिलाफ अभियान चलाने की योजना बनाएंगे। गौरतलब है कि साल 2013 में भी यूपीए सरकार ने इसी तरह का नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसका भाजपा समेत तमाम राजनीतिक दलों ने विरोध किया था।

कैट के अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने इस फैसले पर अफसोस जताते हुए कहा, “हम उम्मीद कर रहे थे कि यूपीए सरकार के दौरान इस मुद्दे पर भाजपा और अन्य दलों के जबरदस्त विरोध के बाद केंद्र सरकार इस फैसले पर नोटिफिकेशन वापिस ले लेगी, लेकिन ऐसा करने के बजाए सरकार ने इस नोटिफिकेशन को एक नीति के रुप में जारी करने का फैसला किया है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और कैट इस मसले पर शीघ्र ही वित्त मंत्री अरूण जेटली से मुलाकात करेगा।”

भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि 7 मार्च 2013 को दिल्ली के रामलीला मैदान में कैट द्वारा आयोजित एक रैली में तात्कालीन भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने घोषणा की थी कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो इस नोटिफिकेशन को वापिस ले लिया जाएगा।

इस पूरे मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए कैट ने 8 जून को सभी राज्यों के व्यापारी नेताओं की एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में स्थिति का जायजा लिया जाएगा और देशभर में एक राष्ट्रीय अभियान चलाने की घोषणा की जाएगी। कैट ने कहा कि उनका एक शिष्ट मंडल इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मिलने का समय भी मांगेगा।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें बिज़नेस सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement