नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने यमुना नदी में प्रदूषण फैलाने वाले नालों की सफाई के लिए 32 हाई-कैपेसिटी आधुनिक मशीनें लगाने को मंजूरी दे दी है। इनमें फिनलैंड से आने वाले 2 बहुउद्देशीय ड्रेजर भी शामिल हैं। सरकारी बयान के मुताबिक, सभी मशीनें मार्च तक पूरी तरह काम करने लगेंगी। सफाई अभियान सबसे पहले नजफगढ़ नाले से शुरू होगा, क्योंकि यमुना में सबसे ज्यादा प्रदूषण इसी नाले के जरिए होता है। यह अभियान जनवरी से शुरू होगा और चरणबद्ध तरीके से अन्य नालियों और यमुना के चुने हुए हिस्सों तक फैलाया जाएगा।
किन मशीनों के जरिए प्रदूषण मुक्त होगी यमुना?
दिल्ली सरकार के इस अभियान का मकसद नालियों से अनट्रीटेड कीचड़, गाद और ठोस कचरे को यमुना में जाने से रोकना है। इसके लिए बड़े नालों की मशीनी सफाई को तेज किया जाएगा। इन मशीनों के जरिए न सिर्फ गहरी गाद निकाली जाएगी बल्कि ये कीचड़ भी हटाएंगी, पहुंच से दूर इलाकों की सफाई करेंगी और जंगली घासों को छांटकर नदी के पानी को साफ करने में मदद करेंगी। पुरानी मशीनों से इस तरह की सफाई नहीं हो पाती थी। दिल्ली सरकार द्वारा ये मशीनें लगाई जाएंगी:
- 8 लंबे बूम वाले एम्फीबियस एक्सकेवेटर
- 6 लंबे बूम वाले हाइड्रॉलिक एक्सकेवेटर
- 2 एम्फीबियस बहुउद्देशीय ड्रेजर
- 6 खुद चलने वाली और खुद अनलोड करने वाली हॉपर बार्ज
- 3 मिनी एम्फीबियस एक्सकेवेटर
- 2 वीड हार्वेस्टर मशीनें
- 2 व्हील्ड स्किड स्टीयर लोडर
- 2 क्रॉलर मिनी हाइड्रॉलिक एक्सकेवेटर
- 1 सुपर सकर-कम-जेटिंग मशीन
ये सभी 32 आधुनिक मशीनें यमुना और उसकी नालियों की गहरी सफाई के लिए इस्तेमाल होंगी।
'यमुना की सफाई के लिए लगातार काम करने की जरूरत'
पहला चरण तब शुरू होगा जब फिनलैंड से ड्रेजर दिसंबर के आखिरी सप्ताह में पहुंच जाएंगे। ये मशीनें दुनिया के कई देशों में नदियों और नालों की साफ-सफाई के लिए इस्तेमाल होती हैं। बताया जा रहा है कि जनवरी से ये पूरी तरह काम करने लगेंगी और तेज गति से मशीनी सफाई शुरू हो जाएगी। दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा, 'यमुना की सफाई के लिए लगातार काम करने की जरूरत है, न कि सिर्फ दिखावे का काम करने की। सालों तक यमुना की सफाई सिर्फ कागजों तक सीमित रही। इस बार जनवरी से मशीनें जमीन पर काम करती दिखेंगी।'
'यमुना में प्रदूषण सालों की उपेक्षा का नतीजा'
वर्मा ने आरोप लगाया कि यमुना में प्रदूषण सालों की उपेक्षा और पुरानी व्यवस्था का नतीजा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब हम इस चक्र को तोड़ रहे हैं, और इसके लिए आधुनिक और बड़ी क्षमता वाली मशीनें लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को यमुना नदी तक पहुंचने से पहले ही रोक लिया जाएगा। वर्मा ने कहा, 'हमारी रणनीति बहुत साफ है, नालियां साफ करो, प्रदूषण का बोझ कम करो और यमुना में हुआ सुधार साफ-साफ दिखाओ। कोई बहाना नहीं चलेगा और काम की रफ्तार धीमी नहीं होगी।' बता दें कि एम्फीबियस मशीनें गहरे और दलदली इलाकों में भी काम कर सकेंगी, जबकि हॉपर बार्ज से तेजी और कुशलता आएगी।


