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दिल्ली के बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं के घर-घर आएगा चुनाव आयोग, इस तरीके से डलवाए जाएंगे वोट

दिल्ली में 80 वर्ष से अधिक आयु के 2,63,771 मतदाता और सात लोकसभा क्षेत्रों में 71,794 दिव्यांग मतदाता हैं। आयोग ने इन मतदाताओं को घर से ही यानि डाक मतपत्र से वोट करने की अनुमति दी है।

Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Mar 18, 2024 23:11 IST, Updated : Mar 18, 2024 23:17 IST
Lok Sabha Election 2024- India TV Hindi
Image Source : FILE दिल्ली के बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं के घर आएगा EC

नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है। शनिवार 16 मार्च को इलेक्शन कमीशन ने चुनावी कार्यक्रमों की घोषणा कर दी। इस बार के लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे, जोकि 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून तक चलेंगे। इस दौरान लगभग 97 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव आयोग ने बताया कि इस बार मतदान में 21 करोड़ से ज्यादा युवा हिस्सा लेंगे। 

88.4 लाख से ज्यादा दिव्यांग मतदाता

इसके साथ ही 88.4 लाख से ज्यादा दिव्यांग मतदाता लोकतंत्र को मजबूत करने में अपना अमूल्य योगदान देंगे। वहीं 82 लाख से ज्यादा ऐसे लोग भी हैं, जिनकी उम्र 85 साल से ऊपर हो चुकी है। वहीं 2.18 लाख ऐसे मतदाता भी हैं, जिनकी उम्र 100 साल से ऊपर हो चुकी है। वहीं इस बार मतदान में 48 हजार से ज्यादा ट्रांसजेंडर भी हिस्सा लेंगे।

दिल्ली में इतने हैं दिव्यांग और सीनियर वोटर 

वहीं अगर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात करें तो इस साल जनवरी में प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के अनुसार, दिल्ली में 80 वर्ष से अधिक आयु के 2,63,771 मतदाता और सात लोकसभा क्षेत्रों में 71,794 दिव्यांग मतदाता हैं। आयोग ने इन मतदाताओं को घर से ही यानि डाक मतपत्र से वोट करने की अनुमति दी है। 

दिल्ली विधानसभा चुनावों 3 हजार लोगों ने दिए थे डाक मत

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक खबर के अनुसार, यह पहली बार है कि लोकसभा चुनाव में पात्र मतदाताओं को यह सुविधा उपलब्ध होगी। अक्टूबर 2019 में चुनाव आयोग की सिफारिश पर कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा चुनाव संचालन नियम, 1961 में संशोधन के बाद, 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोग और दिव्यांगजन 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में डाक मतपत्रों के माध्यम से वोट डालने में सक्षम हो गए। इस दौरान लगभग 3 हजार लोगों ने डाक मतों से वोट डाला था।

आयोग ने किया नियमों में बदलाव

जून 2020 में, कोविड-19 महामारी के दौरान, कोरोना वायरस से संक्रमित या संदिग्ध लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए नियमों में फिर से संशोधन किया गया था। कानून मंत्रालय ने चुनाव आयोग की सिफारिश पर, डाक मतपत्र की सुविधा 65 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए बढ़ा दी गई थी। हालांकि, जब चुनाव आयोग को एहसास हुआ कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों को डाक मतपत्र की सुविधा प्रदान करना व्यावहारिक नहीं होगा, तो अगस्त 2020 में नियमों को फिर से बदल दिया गया। 

85 साल के ऊपर ही वोटर सीनियर सिटीजन

कानून मंत्रालय ने हाल ही में एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर डाक मतपत्र सुविधा चुनने के पात्र वरिष्ठ नागरिकों की परिभाषा को '80 वर्ष से अधिक' से बदल कर '85 वर्ष से अधिकट कर दिया है। अब आयु वर्ग में बदलाव के साथ, अधिकारियों ने कहा कि वे जल्द ही उन लोगों की वास्तविक संख्या सार्वजनिक करेंगे जो दिल्ली में इस सुविधा के लिए पात्र होंगे। बता दें कि इस साल जनवरी में प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के अनुसार, दिल्ली में 80 वर्ष से अधिक आयु के 2,63,771 मतदाता और सात लोकसभा क्षेत्रों में 71,794 दिव्यांग मतदाता हैं।

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